जैसा की आप सभी जानते हैं की भारत की राजधानी दिल्ली हैं। दिल्ली पुराना नाम इंद्रप्रस्थ था। दिल्ली बहुत सी चीजों लिए मशहूर हैं जैसे की – भारत के अधिकतर केंद्रीय नेता दिल्ली में ही निवास करते हैं। जैसे की भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का आधिकारिक निवास भी दिल्ली में ही हैं। तो दोस्तों अगर आप दिल्ली घूमने की सोच रहे हो तो बिलकुल सही सोच रहे हो क्योंकि दिल्ली में बहुत से दर्शनीय स्थल हैं जहाँ पर जाकर आप बहुत सी चीजें देख सकते हो और उनके बारे में बहुत सी चीजें जान सकते हो। दिल्ली में देखने लायक बहुत सी चीजें है जैसे की – लाल किला, इंडिया गेट, लोटस टेम्पल, अक्षरधाम टेम्पल आदि। आप दिल्ली में इन सभी जगहों पर जा सकते हो। तो दोस्तों आज हम आप सभी को इस लेख के माध्यम से दिल्ली के दर्शनीय स्थल के बारे में बहुत सी जानकारी देने वाले हैं।
तो दोस्तों अगर आप भी दिल्ली के दर्शनीय स्थल के बारे में जानना चाहते हो तो उसके लिए आपको हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ना होगा ताकि आप सभी यह जान सको की दिल्ली में ऐसे कौनसे दर्षनी स्थल हैं जहाँ पर आप घूमने के लिए जा सकते हो। तो कृपया इस लेख को अंत तक पढ़े एवं सभी के बारे में जानकारी प्राप्त करें
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Article Contents
- 1 दिल्ली के दर्शनीय स्थल की सूची | Delhi Visiting Places List For Tourist
- 1.1 1. लाल किला | Red Fort
- 1.2 2. इंडिया गेट | India Gate
- 1.3 3. अक्षरधाम मंदिर | Akshardham Temple
- 1.4 4. लोटस टेम्पल | Lotus Temple
- 1.5 5. क़ुतुब मीनार | Qutub Minar
- 1.6 6. जामा मस्जिद | Jama Masjid
- 1.7 7. इस्कॉन मंदिर | Iskcon Temple
- 1.8 8. राष्ट्रपति भवन | President’s House
- 1.9 9. नेशनल रेल म्यूज़ियम | National Rail Museum
- 1.10 10. कनोट प्लेस | Connaught Place
दिल्ली के दर्शनीय स्थल की सूची | Delhi Visiting Places List For Tourist
आज यहाँ पर हम आपको दिल्ली के दर्शनीय स्थलों के बारे में बताने वाले हैं और उन सभी के बारे में बहुत सी जानकारी भी देने वाले हैं ताकि अगर आप भी कभी दिल्ली घूमने के मकसद से जाओं ता आपको इन जगहों पर अवश्य जाना चाहिए। तो अगर आप भी इनके बारे में जानना चाहते हो तो कृपया यहाँ पर दी गयी जानकारी को ध्यानपूर्वक पढ़े।
1. लाल किला | Red Fort
लाल किला दिल्ली की सबसे मशहूर जगहों में से एक हैं। इस किले का निर्माण मुग़लों के शाशक के प्रतीक के रूप में बनवाया गया था। यह किला काफी पुराना किला हैं। इसका कीलें का निर्माण 1638 में हुआ था। जब भी लोग दिल्ली घूमने के लिए जाते है तो वह सभी लाल किला घूमने अवश्य जाते हैं। बताया यह भी जाता हैं की लाल किले का निर्माण आत्मरक्षा के मकसद से किया गया था। इस किले का निर्माण मुग़लों के अंदाज़ में बनाया गया था। लाल किलें की दीवारों की ऊंचाई करीब 33 मीटर ऊँची हैं। पर इस जगह को पर्यटकों के लिए सोमवार को जाना मना हैं क्योंकि उस दिन यह बंद रहता हैं।
इस जगह पर रात्रि के समय कुछ कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते हैं जिसमे लाइट शो होता हैं और उस शो में प्राचीन घटनाओं के बारे में दिखाया जाता हैं। आपको यह भी बता दें की लाल क़िले को यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साईट में भी शामिल किया गया हैं।
2. इंडिया गेट | India Gate
आप सभी इंडिया गेट गेट के बारे में जानते ही होंगे। यह भी दिल्ली की सबसे मशहूर जगहों में से एक हैं। इस जगह पर भी बहुत से पर्यटक घूमने के लिए आते हैं। इंडिया गेट निर्माण 90,000 सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए किया गया था जो की पहले विश्व युद्ध के दौरान शहीद हुए थे। इंडिया गेट का निर्माण 1931 में किया गया था। आपको यह भी बता दे की इंडिया गेट के ऊपर बहुत से सैनिकों का नाम लिखे हुए हैं। इंडिया गेट का असली नाम अखिल भारतीय युद्ध स्मारक हैं। इसकी ऊंचाई 42 मीटर लम्बी हैं। इंडिया गेट को एडविन लुटियन के द्वारा डिज़ाइन किया गया था। यह दिल्ली के राजपथ में स्थापित हैं।
इंडिया गेट की तुलना अक्सर फ्रांस में आर्क डी ट्रायम्फ, मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया और रोम में कॉन्स्टेंटाइन के आर्क इ से जाती हैं। तो दोस्तों अगर आप दिल्ली कभी भी घूमने के लिए जाते हो तो आपको इंडिया गेट अवश्य ही जाना चाहिए।
3. अक्षरधाम मंदिर | Akshardham Temple
अक्षरधाम मंदिर भी दिल्ली की सबसे मशहूर जगहों में से एक हैं। माना यह जाता हैं की यह मंदिर विश्व के सबसे बड़े मंदिरों में से एक हैं और यह मंदिर करीब 100 एकड़ जितने बड़े क्षेत्र में फैला हुआ हैं। इस मंदिर का निर्माण 2005 में हुआ था। यह मंदरी बहुत ही खूबसूरत हैं। यह मंदिर भगवन स्वामीनारायण जी को समर्पित हैं। यहाँ पर रोजाना हजारों भक्त भगवान स्वामीनारायण जी के दर्शन के लिए आते हैं। इस मंदिर की गिनती दिल्ली के सबसे मशहूर पर्यटक स्थानों में की जाती हैं। यह मंदिर इतना भव्य हैं की इस मंदिर में जाते हैं इंसान अपने सभी दुःख दर्द को भूलकर केवल भगवान की भक्ति में लीन हो जाता हैं।
इस मंदिर को बहुत से भागों में बांटा गया हैं जिसमे अलग अलग कार्क्रम होते हैं जैसे की – वाटर शो और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी किये जाते हैं। आपको यह भी बता दें की इस मंदिर का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल हैं क्योंकि इस मंदिर ने सबसे बड़े व्यापक हिंदू मंदिर में अपनी जगह बनायीं हैं।
4. लोटस टेम्पल | Lotus Temple
लोटस टेम्पल भी दिल्ली की सबसे मशहूर जगहों में से एक हैं। लोटस टेम्पल की स्थापना 1986 में हुई थी। यह एक मंदिर हैं जिसको लोटस यानि के कमल के आकर में बनाया गया हैं। लोटस टेम्पल दिल्ली के दक्षिण भाग में स्थित हैं। यह एक तरह का उपासना केंद्र हैं इस जगह का माहौल आपको शांत ही मिलेगा। भले ही यह एक मंदिर हैं परन्तु इस मंदिर में किसी भी भगवान की मूर्ति नहीं हैं क्योंकि माना यह जाता है की भगवान को याद करने के लिए किसी भी भगवान की मूर्ति या फिर नाम की आवश्यकता नहीं होती हैं। इस मंदिर में हर धर्म किसी के व्यक्ति का स्वागत करती हैं। यहाँ पर किसी को आने जाने के लिए रोक टोक नहीं हैं।
इस जगह को कमल का आकार इसलिए दिया गया हैं क्योंकि माना यह जाता हैं की कमल शांति का प्रतीक हैं इसलिए इस मंदिर को कमल का आकार दिया गया हैं। माना यह जाता हैं की इस मंदिर को फारिबोरज़ साहबा एक कैनेडियन डिज़ाइनर के द्वारा डिज़ाइन किया गया था।
5. क़ुतुब मीनार | Qutub Minar
क़ुतुब मीनार के बारे में भी आप सभी जानते ही होंगे। यह भी दिल्ली की सबसे अधिक घूमे जाने वाली जगहों में से एक हैं। क़ुतुब मीनार दक्षिणी दिल्ली के महरौली में कुतब कॉम्प्लेक्स में स्थित हैं। क़ुतुब मीनार का निर्माण क़ुतुब-उद-दीन ऐबक के द्वारा करवाया गया था। यह दिल्ली की सबसे ऊँची इमारतों में से एक हैं। इस ईमारत को भी UNESCO World Heritage में शामिल किया गया हैं। इस जगह पर भी बहुत से पर्यटक जाते हैं। आपको यह भी बता दे की इस ईमारत पर आज तक जंक नहीं लगा। माना जाता हैं की इस ईमारत का निर्माण 1192 में शुरू किया गया था। इस जगह पर बहुत से लोग पिकनिक मानाने के लिए जाते हैं।
इस ईमारत की ऊंचाई 72.5 मीटर हैं। माना यह जाता हैं की क़ुतुब-उद-दीन ऐबक का निर्माण दिल्ली पर मुस्लिम हुकुमत हासिल करने की वजह से victory tower के रूप में करना चाहता था। लेकिन वह इस ईमारत का पहला माला ही बनवा पाया था।
6. जामा मस्जिद | Jama Masjid
जामा मस्जिद के बारे में भी आप सभी जानते होंगे। वैसे तो इस मस्जिद का नाम मस्जिद–ए-जहां-नुमा हैं लेकिन इसको जामा मस्जिद के नाम से जाना जाता हैं। यह मस्जिद भारत की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक हैं। इस मस्जिद का निर्माण मुग़ल बादशाह शाहजहां के द्वारा 1656 में कराया गया था। यह मस्जिद काफी बड़ी मस्जिद हैं माना यह जाता हैं की इस मस्जिद में करीब 25000 लोग एक साथ इबादत कर सकते हैं। यहाँ पर जाने के लिए कोई भी शुल्क नहीं देना होता हैं और अगर आप यहाँ पर कैमरा ले जाना चाहते हो तो उसके लिए आपको शुल्क देना होगा।
वैसे तो यहाँ पर किसी भी धर्म का व्यक्ति जा सकता हैं परन्तु जिस समय यहाँ पर नमाज हो रही हो तो मुस्लिम धर्म के अलावा कोई और यहाँ पर नहीं जा सकता। यह मस्जिद पुरानी दिल्ली में स्थित हैं।
7. इस्कॉन मंदिर | Iskcon Temple
इस्कॉन मंदिर को श्री राधा कृष्ण मंदिर के नाम से भी जाना जाता हैं। यह मंदिर बहुत ही सुन्दर मंदिर हैं। यह मंदिर भी दक्षिण दिल्ली में स्थित हैं। इस मंदिर का निर्माण 1991-1998 के बीच अच्युत कानविंदे के द्वारा किया गया था जो की अंतराष्ट्रीय आर्किटेक्ट हैं। इस मंदिर के निर्माण में लाल पत्थर का इस्तेमाल किया गया हैं। इस मंदिर में श्रीमद भागवत कथा का पाठ होता हैं और उसमे इस कथा का अर्थ भी समझाया जाता हैं। कृष्ण जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर यहाँ पर बहुत भीड़ होती हैं और उस दिन इस मंदिर को बहुत ही सुन्दर तरीके से सजा दिया जाता हैं। इस मंदिर में पंडित बहुत ही कड़े नियमों के साथ पूजा पाठ करते हैं।
इस मंदिर में एक हॉल में मल्टीमीडिया शो का आयोजन भी होता हैं। इस मंदिर में लोग भगवान श्री कृष्ण की पेंटिंग भी देखने के लिए आते हैं जो की बहुत ही सुन्दत हैं और उन सभी पेंटिंग को उनके विदेशी भक्तों के द्वारा बनाया गया हैं।
8. राष्ट्रपति भवन | President’s House
राष्ट्रपति भवन के बारे में तो आप सभी ही जानते होंगे। इस भवन में भारत के राष्ट्रपति जी का निवास होता हैं। 1950 में इस भवन को वाइसराय हाउस भी कहा जाता था। इस भवन में करीब 340 कमरे हैं। माना यह जाता हैं की यह भवन विश्व के किसी भी राष्ट्राध्यक्ष के आवास से बड़ा हैं। इस भवन का निर्माण पूर्व समय यानि के ब्रिटिश काल के गवर्नर जनरल ऑफ़ इंडिया के लिए किया गया था। राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में स्थित हैं। इस भवन में एक बगीचा भी हैं जिसमे बहुत से अनोखे फूल हैं जो की आपको कही और देखने को नहीं मिलेंगे। यह काफी बड़ा भवन हैं जो की करीब 330 एकड़ में फैला हुआ हैं। यह भी दिल्ली के दर्शनीय स्थल का हिस्सा हैं।
9. नेशनल रेल म्यूज़ियम | National Rail Museum
National Rail Museum भी दिल्ली के दर्शनीय स्थल में शामिल एक बहुत ही अच्छी जगह हैं। इस म्यूजियम में भारत की बहुत पुरानी रेलों को ऐतिहासिक तौर पर रखा गया हैं और यहां पर आपको बहुत सी तोय ट्रैन भी देखने को मिलेगी। यह म्यूजियम दिल्ली के चाणक्यपुरी के आसपास स्थित हैं। इस जगह पर बहुत सी शाही ट्रैन भी है जिसके दर्शन आप कर सकते हो। यहाँ पर आपको स्टीम ट्रैन भी देखने को मिलेगी। आप यहाँ पर कुछ तरीन की राइड भी कर सकते हो। जिससे की आपको बहुत ही अच्छा महसूस होगा। यह जगह बच्चों को भी बहुत पसंद आती हैं। यह म्यूजियम करीब 10 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ हैं।
इस जगह पर 3 डी ट्रैन की सवारी करवाई जाती हैं जिसका आप भी आनंद ले सकते हैं। इस जगह पर आपको रेस्टोरेंट भी देखने को मिल जायेगा।
10. कनोट प्लेस | Connaught Place
कनोट प्लेस को सीपी के नाम से भी जाना जाता हैं। कनोट प्लेस अपनी सरंचना के लिए मशहूर माना जाता हैं। इस जगह पर बहुत से विदेशी लोग घूमने के लिए आते हैं। इस जगह को दिल्ली की सबसे व्यापारिक केंद्र के रूप में माना जाता हैं। इस जगह का नाम कनोट प्लेस ब्रिटिश के एक परिवार के सदस्य के नाम पर रखा गया हैं जिसका नाम ड्यूक ऑफ कनॉट था। ब्यू एच निकोल और टॉर रसेल के द्वारा ही इस मार्केटका डिज़ाइन बनाया गया था। माना यह जाता हैं की यह मार्किट अपने समय में भारत की सबसे बड़ी मार्किट थी। इस जगह पर आपको बहुत सी चीजें देखने को मिलेंगी जैसे की बड़े बड़े ब्रांड के कपडों के शोरूम, रेस्टोरेंट आदि जैसी चीजें।
इस जगह को दिल्ली के खरीदारी करने के लिए प्रमुख केंद्र माना जाता हैं। इस जगह को राजीव चौक के नाम से भी जाना जाता हैं। लेकिन सभी इसको कनोट प्लेस के नाम से ही पुकारते हैं।
दिल्ली के दर्शनीय स्थलों से सम्बंधित कुछ प्रश्न व उनके उत्तर
लाल किलें का निर्माण भी शाहजहां के द्वारा ही करवाया गया था। इसका निर्माण सन 1638 में हुआ था।
अक्षरधाम टेम्पल की स्थापना 2005 में हुई थी।
क़ुतुब मीनार क़ुतुब-उद-दीन ऐबक के द्वारा बनवाया गया था।
क़ुतुब मीनार की ऊंचाई 72.5 मीटर तक हैं।
लोटस टेम्पल एक मंदिर हैं परन्तु इसकी खासियत यह है की इस मंदिर में किसी भी भगवान की मूर्ति या फिर भगवान की तस्वीर नहीं है क्योंकि इनका मानना यह है की भगवान की उपासना करने के लिए किसी भी मूर्ति या फिर किसी भी भगवान के नाम की आवश्यकता नहीं होती हैं।