हिमालय की गोद में बसा खूबसूरत राज्य उत्तराखंड प्राचीन काल से ही हिन्दू धर्म में प्रमुख तीर्थ स्थल के रूप में वर्णित रहा है। भारत के सबसे प्राचीन ग्रंथ ऋग्वेद में उत्तराखंड को देवभूमि, तपोभूमि या मनीषियों की पूर्ण भूमि के रूप में अलंकृत किया गया है। देवभूमि उत्तराखंड में विभिन तीर्थ स्थल होने के साथ चार धाम भी विराजमान है जिन्हे आमतौर पर छोटा चार धाम (Chota Char Dham of Uttarakhand) भी कहा जाता है। प्रतिवर्ष देश के कोने-कोने से श्रद्धालु उत्तराखंड में चार धाम (छोटा चार धाम) का दर्शन करने आते है। देश एवं विदेश से लाखों भक्त उत्तराखंड के चारो धामों बाबा बद्री विशाल, बाबा केदारनाथ, गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के दर्शन करके अपनी आध्यात्मिक क्षुधा को शांत करते है। आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको चार धाम की यात्रा कैसे करें 2023 (Char Dham Yatra Complete Tour Guide 2023) सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने वाले है।
इस आर्टिकल के माध्यम से आप चार धाम यात्रा (Char Dham yatra) कैसे करें सम्बंधित सम्पूर्ण प्रोसेस से अवगत हो सकेंगे साथ ही यहाँ आप चार धाम यात्रा मैन्युअल एवं यात्रा के दौरान ध्यान रखने योग्य अन्य महत्वपूर्ण बिन्दुओ से भी परिचित हो सकेंगे। आगे जानिए चार धाम की यात्रा कैसे करें ? की पूरी जानकारी विस्तार से।
चार धाम की यात्रा सम्बंधित महत्वपूर्ण बिंदु
यहाँ आपको चार धाम यात्रा (Char Dham yatra) सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण बिन्दुओ की जानकारी प्रदान की गयी है :-
यात्रा का नाम | चार धाम यात्रा 2023 (Char Dham yatra 2023) |
चार धाम में शामिल तीर्थ | गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ, केदारनाथ |
चार धामों की स्थिति | देवभूमि उत्तराखंड |
अन्य उपनाम | छोटा चार धाम (Chota Char Dham) |
चार धाम यात्रा का समय | अप्रैल से नवंबर |
उत्तराखंड पर्यटन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट | uttarakhandtourism.gov.in |
देवभूमि उत्तराखंड में स्थित छोटा चार धाम
प्राचीन समय से ही ऋषि मुनियो की तपस्थली रही देवभूमि उत्तराखंड देश भर में हिन्दू धर्म के अनुयायियों के मध्य प्रसिद्ध तीर्थ भूमि के रूप में प्रसिद्ध है। पौराणिक काल से ही श्रद्धालु उत्तराखंड में स्थित चारों धामों के दर्शन के लिए आते रहे है। उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र जिसे की पौराणिक काल में केदारखंड के नाम से जाना जाता रहा है, में स्थित भगवान विष्णु को समर्पित बद्रीविशाल, बाबा केदारनाथ, गंगा का उद्गम गंगोत्री धाम एवं यमुनोत्री को ही सम्मिलित रूप से चार धाम (छोटा चार धाम) कहा जाता रहा है। 8वीं शताब्दी में आदिगुरु शंकराचार्य द्वारा बद्रीनाथ एवं केदारनाथ धामों को प्राण-प्रतिष्ठा करके भव्य स्वरुप में स्थापित किया गया है। हिन्दू धर्म में चार धामों का अत्यंत महत्व है। पौराणिक ग्रंथो में चार धामों के दर्शन मात्र से ही मनुष्य को जीवन चरण के चक्र से मुक्ति एवं मोक्ष की प्रति का परम पद प्राप्त होने का वर्णन किया गया है।
हालांकि सभी पाठको को यह ध्यान रखना आवश्यक है उत्तराखंड में स्थित चारधाम भारत में स्थित चारों धाम से अलग है। भारत के चारों धामों (Char Dham of India) में – बद्रीनाथ, रामेश्वरम, द्वारका एवं जगतनाथ पुरी शामिल है। वही उत्तराखंड के चार धामों में-बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री एवं यमुनोत्री शामिल है। आमतौर पर उत्तराखंड में स्थित चारों पवित्र धाम को छोटा चार धाम (Chota Char Dham of Uttarakhand) कहा जाता है। बद्रीनाथ एकमात्र ऐसा तीर्थ है जो भारत एवं उत्तराखंड के चारो धाम में शामिल है।
चार धाम में दर्शन करने का सही क्रम
उत्तराखंड में स्थित छोटा चार-धाम यात्रा (Char Dham yatra) में दर्शन करने हेतु भी पौराणिक ग्रंथो के अनुसार विशिष्ठ क्रम निर्धारित किया गया है। कहा जाता है की नियमनुसार सही क्रम में दर्शन करने पर ही चारो धामों के दर्शन का पूर्ण लाभ प्राप्त होता है। उत्तराखंड के चारो धामों का दर्शन पश्चिम से पूर्व की ओर के क्रम में किया जाता है। चारधाम यात्रा सबसे पश्चिमी भाग में स्थित यमुनोत्री धाम से शुरू होकर गंगोत्री धाम के दर्शन के पश्चात केदारनाथ धाम तथा इसके पश्चात बद्रीनाथ धाम में इस यात्रा का समापन किया जाता है। पश्चिम से पूर्व चार धाम यात्रा का क्रम निम्न प्रकार से है :-
यमुनोत्री धाम- गंगोत्री धाम- केदारनाथ धाम- बद्रीनाथ धाम
चारधाम के कपाट खुलने की तिथि-2023
छोटा चार धाम (Chota Char Dham) के कपाट वर्ष में एक निश्चित तिथि पर खोले एवं बंद किए जाते है। चार धाम यात्रा से पूर्व सभी श्रद्धालुओं को चार धाम में शामिल विभिन तीर्थो के कपाट खुलने की तिथि के बारे में जानकारी प्राप्त करना आवश्यक है। यहाँ आपको चारधाम के कपाट खुलने की तिथि-2023 के बारे में जानकारी प्रदान की गयी है :-
चार धाम का नाम | कपाट खुलने की तिथि (gate opening date) | कपट बंद होने की तिथि (अनुमानित) |
गंगोत्री धाम | 22 अप्रैल 2023 | 14 नवम्बर 2023 |
यमुनोत्री धाम | 22 अप्रैल 2023 | 14 नवम्बर 2023 |
केदारनाथ धाम | 26 अप्रैल 2023 | 14 नवम्बर 2023 |
बद्रीनाथ धाम | 27 अप्रैल 2023 | 20 नवम्बर 2023 |
हालांकि श्रद्धालुओं को चार धाम यात्रा शुरू करने से पूर्व चार धाम कपाट खुलने की तिथि (gate opening date) सम्बंधित तिथि के बारे में आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से पुष्टि करने की सलाह दी जाती है। संभावित तिथियों में अपरिहार्य रूप से बदलाव होने की सम्भावना के कारण यह आवश्यक है।
चार धाम यात्रा हेतु आवश्यक दस्तावेज
वर्तमान समय में उत्तराखंड सरकार द्वारा चार धाम यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को अनिवार्य किया गया है। चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए चार धाम यात्रा हेतु पंजीकरण करवाना आवश्यक है जिसके पश्चात ही वे चार धाम यात्रा को पूर्ण कर सकते है। चारधाम यात्रा हेतु यात्रियों को यहाँ दर्शाये गए निम्न दस्तावेजों को रजिस्ट्रेशन के लिए प्रयुक्त किया जा सकता है :-
- आधार कार्ड
- वोटर आईडी कार्ड
- ड्राइविंग लाइसेंस
- पैन कार्ड
यात्रा के दौरान पुलिस अधिकारियों या प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा मांगे जाने पर सभी यात्रियों को सम्बंधित दस्तावेजों को प्रस्तुत करना आवश्यक है अतः सभी यात्रियों को यात्रा के दौरान सभी आवश्यक दस्तावेजों को साथ रखने की सलाह दी जाती है।
2023 में चार धाम की यात्रा कैसे करे ? सम्पूर्ण जानकारी
चार धाम यात्रा (Char Dham yatra) के लिए सभी यात्रियों को उत्तराखंड सरकार द्वारा जारी आधिकारिक पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना आवश्यक है। सरकार द्वारा वर्तमान में सभी यात्रियों हेतु चार धाम के लिए यात्रा ऑनलाइन पंजीकरण (Char Dham yatra Online registration) को अनिवार्य किया गया है। यहाँ आपको Char Dham yatra registration 2023 process के बारे में स्टेप-बॉय-स्टेप जानकारी प्रदान की गयी है :-
- चार धाम यात्रा में पंजीकरण हेतु सर्वप्रथम उत्तराखंड टूरिज्म (tourist care uttrakhand) की आधिकारिक वेबसाइट registrationandtouristcare.uk.gov.in पर विजिट करें।
- होमपेज पर आपको दायीं ओर ऊपरी भाग में Register/Login का ऑप्शन दिखाई देगा। यहाँ क्लिक करें।
- इसके पश्चात आपके सामने रजिस्ट्रेशन फॉर्म खुल जायेगा। यहाँ आपको Register Yourself Here for Chardham and Hemkund वाले सेक्शन में जाना है।
- इसमें आपको अपना नाम, मोबाइल नंबर, यात्रा प्रकार (Tour Operator, Individual, Family) की जानकारी दर्ज करनी होगी। साथ ही अपना पासवर्ड जनरेट करें। Confirm Password के विकल्प पर भी आपको जनरेट किया गया पासवर्ड दर्ज करना है।अब आपके मोबाइल नंबर पर OTP भेजा जायेगा।
- OTP बॉक्स में OTP नंबर दर्ज करने एवं अन्य सभी औपचारिकताओं को पूर्ण करने के पश्चात आप SIGN UP के विकल्प पर क्लिक कर दे। इस प्रकार से आप सफलतापूर्वक अपना रजिस्ट्रेशन पूर्ण कर चुके है।
- रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को पूर्ण करने के पश्चात आपको पुनः लॉगिन करना होगा। इसके पश्चात आप चार धाम यात्रा पंजीकरण की आगे की प्रक्रिया को पूर्ण कर सकते है।
- लॉगिन करने के लिए आपको Register/Login के विकल्प पर क्लिक करके Login to Your Account के सेक्शन में जाना होगा। यहाँ मोबाइल नंबर, पासवर्ड एवं कैप्चा कैड दर्ज करें। इसके बाद SIGN IN पर क्लिक करके आप लॉगिन की प्रक्रिया को पूर्ण कर चुके है।
- इसके पश्चात अगले पेज पर आप अपनी यात्रा का प्लान कर सकते है। इसमें आप चार धाम यात्रा हेतु स्लॉट बुक कर सकते है। साथ ही आवास, गतिविधियाँ एवं यात्रा से जुड़े अन्य बिन्दुओ को भी आप यहां प्लान कर सकते है।
- सभी औपचारिकताओं एवं रजिस्ट्रेशन फ़ीस को जमा करवाने के पश्चात आप अंतिम रूप से रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को पूर्ण कर सकते है। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को पूर्ण करने के पश्चात आप इसका प्रिंटआउट डाउनलोड कर सकते है।
चारधाम यात्रा हेतु सभी यात्रियों के लिए पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। ऐसे में सभी यात्री चारधाम यात्रा शुरू करने से पूर्व अपने पंजीकरण को सुनिश्चित अवश्य करें।
चार धाम यात्रा, ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन
चार धाम यात्रा हेतु सरकार द्वारा यात्रियों को ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा भी प्रदान की गयी है। ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए सरकार द्वारा राज्य में विभिन स्थानों पर पंजीकरण केंद्र (Registration Centers) बनाये गए है। यहाँ आपको Char Dham yatra offline registration 2023 process एवं दस्तावेजों के सत्यापन हेतु केन्द्रो (chardham Document Verification Center) की जानकारी प्रदान की गयी है।
जिलों के नाम | जिले में स्थित पंजीकरण केंद्र (Registration Centers ) | दस्तावेज सत्यापन केंद्र(chardham Document Verification Center) |
हरिद्वार | राही होटल, रेलवे स्टेशन | — |
उत्तरकाशी | गंगोत्री, हिना, जानकी-चट्टी, यमुनोत्री, डोबट्टा, बड़कोट | उत्तरकाशी, यमुनोत्री |
देहरादून | RTO, ISBT, Rishikesh, गुरुद्वारा, ऋषिकेश | — |
चमोली | बद्रीनाथ, पाखी, गोविंद घाट, हेमकुंड साहिब, जोशीमठ | चमोली, हेमकुंड साहिब, बद्रीनाथ, |
रुद्रप्रयाग | केदारनाथ, फाटा, गौरीकुंड | रुद्रप्रयाग, केदारनाथ |
2023 में केदारनाथ कैसे जाएँ ?
उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ (Kedarnath) धाम भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल पवित्र शिवधाम है। सभी शिवभक्त अपने जीवनकाल में एक बार अवश्य इस पवित्र एवं आध्यात्मिक तीर्थ के दर्शन करने की इच्छा रखते है। भगवान शिव को समर्पित केदारनाथ ज्योतिर्लिंग को आदिगुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित किया गया है। केदारनाथ धाम के आधार बिंदु के रूप में श्रद्धालु दिल्ली से अपनी यात्रा शुरू करते है। केदारनाथ धाम जाने के लिए श्रद्धालुओं को सड़क मार्ग, रेल मार्ग एवं हवाई मार्ग से आवागमन की सुविधा मिलती है। यहाँ आपको केदारनाथ धाम यात्रा 2023 (Kedarnath Dham Yatra 2023) हेतु विभिन रूट की जानकारी प्रदान की गयी है :-
- सड़क मार्ग द्वारा (By Road)- सड़क मार्ग द्वारा केदारनाथ जाने के लिए श्रद्धालु हरिद्वार या ऋषिकेश (मुख्य) से परिवहन निगम की बसों, कैब, टैक्सी या निजी वाहनों के माध्यम से केदारनाथ के अंतिम बस पड़ाव गौरीकुंड तक पहुंच सकते है। इसके पश्चात 18 किलोमीटर की पैदल चढ़ाई को पूर्ण करके श्रद्धालु केदारनाथ धाम के दर्शन कर सकते है।
- रेल मार्ग द्वारा (By Rail)- केदारनाथ यात्रा हेतु वर्तमान में ऋषिकेश तक ही रेल सुविधा उपलब्ध है। यात्री देश के विभिन भागो से योगनगरी ऋषिकेश के लिए चलने वाली विभिन रेलगाड़ियों के माध्यम से यहाँ तक का सफर तय कर सकते है। इसके पश्चात ऋषिकेश से आगे की यात्रा हेतु बस या कैब या टैक्सी सर्विस की सुविधा ली जा सकती है।
- हवाई मार्ग द्वारा (By Air)- हवाई मार्ग द्वारा यात्रा करने के इच्छुक श्रद्धालु देश के विभिन भागो से राजधानी देहरादून में स्थित जोलीग्रांट हवाई अड्डे तक फ्लाइट सर्विस ले सकते है। यह केदारनाथ यात्रा का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है। साथ ही केदारनाथ धाम तक विभिन निजी कंपनियों की हेलीकाप्टर सेवा उपलब्ध है।
केदारनाथ धाम यात्रा में गौरीकुंड तक ही यातायात सुविधा उपलब्ध है। इसके पश्चात यात्रियों को 18 किलोमीटर की दूरी को पैदल ही पार करना होता है।
बद्रीनाथ धाम कैसे जाएँ 2023
हिमालय की गोद में बसा बद्रीनाथ धाम देश के चार धामों में शामिल तीर्थ है। प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु इस पवित्र तीर्थ के दर्शन के लिए आते है। यहाँ आपको बद्रीनाथ धाम यात्रा 2023 (Badrinath Dham Yatra 2023) हेतु सड़क मार्ग, हवाई मार्ग एवं रेल मार्ग सुविधा से सम्बंधित जानकारी प्रदान की गयी है :-
- सड़क मार्ग द्वारा (By Road)– सड़क मार्ग द्वारा बद्रीनाथ धाम यात्रा हेतु ऋषिकेश (मुख्य) एवं हरिद्वार से बस, टैक्सी, कैब या निजी वाहन के माध्यम से बद्रीनाथ धाम तक पहुँचा जा सकता है। जोशीमठ बद्रीनाथ धाम का मुख्य पड़ाव है। बद्रीनाथ धाम में सड़क मार्ग से मंदिर की दूरी अत्यंत न्यून है ऐसे में यात्री आसानी से यहाँ पहुँच सकते है।
- रेल मार्ग द्वारा (By Rail)- रेल मार्ग द्वारा बद्रीनाथ पहुंचने के लिए देश के विभिन भागो से ऋषिकेश तक नजदीकी स्टेशन ऋषिकेश तक की दूरी तय करनी होगी। इसके पश्चात आप सड़क मार्ग द्वारा शेष दूरी पूर्ण कर सकते है। वर्तमान में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल मार्ग निर्माणाधीन है।
- हवाई मार्ग द्वारा (By Air)- बद्रीनाथ का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा भी जोलीग्रांट एयरपोर्ट है ऐसे में यहाँ हवाई मार्ग द्वारा पहुँचा जा सकता है। इसके पश्चात सड़क मार्ग द्वारा आगे की दूरी को तय किया जाता है। बद्रीनाथ यात्रा हेतु विभिन निजी हेलीकाप्टर कंपनियों के द्वारा भी सुविधा प्रदान की जाती है।
गंगोत्री धाम कैसे जाएँ 2023
देश की सबसे पवित्र नदी गंगा के उद्गम गंगोत्री के दर्शन हेतु प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु आते है। यहाँ आपको गंगोत्री धाम कैसे जाएँ (Gangotri Dham Yatra 2023) हेतु आवागमन सुविधा की जानकारी प्रदान की गयी है :-
- सड़क मार्ग द्वारा (By Road)– गंगोत्री धाम जाने के लिए उत्तराखंड परिवहन निगम की बसें, कैब एवं टैक्सी सुविधा उपलब्ध है। गंगोत्री धाम जाने के लिए आप या तो ऋषिकेश, नरेंद्रनगर, चम्बा, धरासू-बैंड का चुनाव कर सकते है या यदि आप चाहें तो देहरादून, मसूरी, चम्बा, धरासू-बैंड मार्ग का चुनाव करके गंगोत्री धाम यात्रा कर सकते है।
- रेल मार्ग द्वारा (By Rail)- गंगोत्री धाम पहुंचने हेतु आप ऋषिकेश या देहरादून रेलवे स्टेशन तक ट्रैन द्वारा दूरी तय कर सकते है। इसके पश्चात सड़क मार्ग द्वारा आगे की दूरी को तय किया जा सकता है।
- हवाई मार्ग द्वारा (By Air)- गंगोत्री धाम का सबसे नजदीकी हवाई-अड्डा भी जोलीग्रांट एयरपोर्ट है। देश के विभिन भागो से यहाँ के लिए फ्लाइट उपलब्ध है। इसके पश्चात आप चाहे तो निजी कम्पनियों द्वारा प्रदत हेलीकाप्टर सुविधा का लाभ भी ले सकते है।
यमुनोत्री धाम यात्रा 2023
यमुना नदी के उद्गम यमुनोत्री धाम को भी उत्तराखंड के छोटा चार धाम यात्रा में प्रमुख तीर्थ के रूप में सम्मिलित किया जाता है। यमुनोत्री धाम यात्रा 2023 (Gangotri Dham Yatra 2023) हेतु आवागमन मार्ग निम्न प्रकार से है :-
- सड़क मार्ग द्वारा (By Road)– ऋषिकेश एवं देहरादून से यमुनोत्री धाम के लिए बस, टैक्सी एवं कैब सेवा उपलब्ध है। आप चाहें तो निजी वाहन के माध्यम से भी इस यात्रा को पूर्ण कर सकते है।
- रेल मार्ग द्वारा (By Rail)- ऋषिकेश एवं देहरादून यमुनोत्री मार्ग हेतु सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है। देश के विभिन भागो से इन स्टेशन के लिए ट्रेनें संचालित होती है। यहाँ से सड़क मार्ग द्वारा यमुनोत्री पहुँचा जा सकता है।
- हवाई मार्ग द्वारा (By Air)- यमुनोत्री धाम का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा जोलीग्रांट एयरपोर्ट है। यहाँ से आप यमुनोत्री धाम के लिए कैब, टैक्सी या निजी वाहन बुक करके यमुनोत्री धाम तक पहुँच सकते है।
चार धाम यात्रा एप्प
उत्तराखंड सरकार द्वारा चार धाम यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए Tourist care Uttarakhand एप्प को लांच किया गया है। इस एप्प के माध्यम से यात्रियों को चार धाम यात्रा के दौरान मौसम, समय सारणी, होटल बुकिंग, आपात स्थिति एवं अन्य महत्वपूर्ण बिन्दुओ के बारे में जानकारी प्राप्त हो सकेंगी। आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके Tourist Care Uttarakhand Mobile App को डाउनलोड कर सकते है :-
चार धाम की यात्रा सम्बंधित ध्यान रखने योग्य बिंदु
- चार धाम यात्रा से पूर्व पंजीकरण आवश्यक है। अतः यात्रा से पूर्व सभी यात्रियों को अपना पंजीकरण सुनिश्चित करना आवश्यक है।
- चार धाम यात्रा हिमालयी क्षेत्रों से होकर गुजरती है अतः यात्रा के दौरान गर्म कपड़े, ऊनी पहनावा एवं अन्य गर्म पहनावे का चुनाव करें।
- यात्रा के दौरान सभी वस्तुएँ जैसे थर्मल बॉडी वार्मर, स्लीपिंग बैग, रेनकोट, कंबल, टॉर्च एवं वाटरप्रूफ जूते अवश्य साथ रखें।
- आपातकालीन स्थितियों के लिए सभी यात्रियों को बुनियादी आपातकालीन दवाओं (basic emergency medications) को साथ लेकर जाने की सलाह दी जाती है।
- सभी यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण है की वे इस यात्रा से पूर्व स्वयं को इस यात्रा हेतु शारीरिक एवं मानसिक रूप से तैयार रखे तभी वे इस यात्रा को कुशलतापूर्वक सम्पन कर सकते है।
चार धाम की यात्रा कैसे करें 2023 सम्बंधित अकसर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
उत्तराखंड में स्थित चार धाम निम्न है :- गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ एवं केदारनाथ। इन चारो धामों को छोटा चार धाम भी कहा जाता है।
चारों धाम के दर्शन का क्रम निम्न प्रकार से है :- यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ एवं बद्रीनाथ
चार धाम की यात्रा कैसे करें 2023 सम्बंधित जानकारी के लिए ऊपर दिया गया आर्टिकल पढ़े। यहाँ आपको इस सम्बन्ध में सम्पूर्ण जानकारी प्रदान की गयी है।
हाँ। चारधाम यात्रा हेतु सरकार द्वारा पंजीकरण अनिवार्य किया गया है।
चार धाम पंजीकरण की प्रक्रिया सम्बंधित जानकारी के लिए आप ऊपर दिया गया आर्टिकल चेक कर सकते है। यहाँ आपको चार धाम के लिए यात्रा ऑनलाइन पंजीकरण (Char Dham yatra Online registration) सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी प्रदान की गयी है।