महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद का जीवन परिचय | Chandra Shekhar Azad Biography in Hindi

अभी भी जिसका खून ना खौला, वो खून नहीं पानी है जो देश के काम ना आए, वो बेकार जवानी है” महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद द्वारा भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कहे गए ये शब्द आज भी देश के करोड़ो युवाओ को मातृभूमि की सेवा के लिए प्रेरित करते है। भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान प्रमुख क्रांतिकारियों में शुमार चंद्रशेखर आजाद द्वारा मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिए अपने जीवन को समर्पित किया गया था। देश को गुलामी की बेड़ियों से मुक्ति दिलाने में देश के क्रांतिकारियों में चंद्रशेखर आजाद का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। जीवन भर देश की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने वाले चंद्रशेखर आजाद को ब्रिटिश उपनिवेशवाद की बेड़ियाँ कभी कैद ही नहीं कर पायी। आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको भारत माता के सच्चे-सपूत एवं महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद का जीवन परिचय (Chandra Shekhar Azad Biography in Hindi) सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान करने वाले है।

महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद
चंद्रशेखर आजाद का जीवन परिचय

साथ ही इस आर्टिकल के माध्यम से आपको चंद्रशेखर आजाद के जीवन से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण बिन्दुओ के बारे में भी अवगत कराया जायेगा।

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चंद्रशेखर आजाद का जीवन परिचय

भारत के स्वतंत्रता संग्राम में क्रांतिकारी गतिविधियों के प्रमुख नायकों का स्मरण करने पर स्वतः ही चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, राम-प्रसाद बिस्मिल एवं अन्य क्रांतिकारियों का चेहरा याद आने लगता है। अपने जीवन की अल्पायु से ही मातृभूमि की सेवा में समर्पित चंद्रशेखर आजाद ने वयस्क होते से क्रांतिकारी गतिविधियों में भाग लेना शुरू कर दिया था। देश के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान औपनिवेशिक शासन के अत्याचारों के फलस्वरूप बाल चंद्रशेखर के मन में मातृभूमि की आजादी के संकल्प ने जन्म लिया एवं यह नौजवान अपनी अल्पायु में ही देश के स्वतंत्रता आन्दोलन को नयी दिशा दे गया।

20वीं शताब्दी के दौरान जब आजादी का आंदोलन अपने चरम पर था ऐसे में देश के युवाओ में क्रांतिकारी गतिविधियों की चिंगारी जलाने में चंद्रशेखर आजाद का योगदान प्रमुख था। काकोरी काण्ड के माध्यम से ब्रिटिश उपनिवेशवाद को चुनौती देने वाले महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद द्वारा स्वतंत्रता आंदोलन को संगठित करने के लिए हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन संस्था की स्थापना की गयी थी। अपने जीवनकाल में आजाद द्वारा विभिन क्रांतिकारी गतिविधियों के द्वारा ब्रिटिश साम्राज्य की जड़ो पर प्रहार किया गया।

चंद्रशेखर आजाद का प्रारंभिक जीवन

23 जुलाई, 1906 को मध्यप्रदेश के भाबरा गांव में सीताराम तिवारी एवं जागरणी देवी के घर महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद का जन्म हुआ। इनके पिता अलीराजपुर रियासत में कार्यरत थे। बचपन से ही भील बाहुल्य क्षेत्र में रहने के कारण चंद्रशेखर आजाद ने बचपन से ही भील जाति के बच्चो के संग तीर-कमान एवं निशानेबाजी का खूब अभ्यास किया एवं निशाना लगाने में निपुण हो गए। अपने बचपन के दिनों से ही आजाद को स्वछंद जीवन जीना पसंद था यही कारण रहा की देश की गुलामी की बेड़ियों में जकड़े देखकर उन्होंने देश को आजाद कराने का संकल्प ले लिया। आजादी के संकल्प को पूर्ण करने के लिए उन्होंने ताउम्र क्रांतिकारी गतिविधियों में व्यतीत किया।

ऐसे पड़ा “आजाद” उपनाम

चंद्रशेखर आजाद के “आजाद” नाम पड़ने के पीछे का किस्सा भी बड़ा रोचक है। चंद्रशेखर आजाद का बचपन का नाम “चंद्रशेखर तिवारी’ था। वर्ष 1921 में जब असहयोग आंदोलन अपने चरम पर था ऐसे में विदेशी शराब की दुकानों पर धरना दे रहे युवाओ के समूह को ब्रिटिश सरकार द्वारा गिरफ्तार किया गया। इस समूह में चंद्रशेखर आजाद भी शामिल थे। जब “चंद्रशेखर तिवारी’ को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया तो मजिस्ट्रेट द्वारा चंद्रशेखर तिवारी से उनका नाम पूछा गया।

इस बात पर आजाद ने उत्तर दिया की “मेरा नाम आजाद है”। मजिस्ट्रेट द्वारा पिता का नाम पूछने पर उन्होंने “स्वाधीनता” को अपना पिता बताया एवं घर का पता पूछने पर “जेल” को अपना घर बताया। इस बात से क्रोधित होकर मजिस्ट्रेट ने उन्हें 15 बेंत मारने की सजा सुनाई। इस घटना के पश्चात “चंद्रशेखर तिवारी’ को “चंद्रशेखर आजाद” के नाम से जाना जाने लगा।

चंद्रशेखर आजाद का क्रांतिकारी जीवन

अपने जीवनकाल में देश की आजादी के लिए प्रारंभ में चंद्रशेखर आजाद गाँधीजी के असहयोग आंदोलन एवं अहिंसात्मक आंदोलनों से जुड़े थे। अंग्रेजो द्वारा भारत के असहयोगी आंदोलनकारियों पर किए जा रहे अत्याचारों एवं गाँधीजी के द्वारा चौरा-चोरी की घटना के पश्चात असहयोग आंदोलन वापस लेने पर उन्होंने क्रांतिकारी मार्ग पर चलने का निर्णय लिया। इस दौरान वे भगत-सिंह, मन्‍मथनाथ गुप्‍त एवं प्रणवेश चटर्जी जैसे क्रांतिकारियों के संपर्क में आये एवं आजादी के आंदोलन को क्रांतिकारी तरीके से चलाने का संकल्प लिया।

काकोरी काण्ड के नायक

9 अगस्त 1925 को सरकारी खजाना ले जा रही सहारनपुर-लखनऊ पैसेंजर ट्रेन को चंद्रशेखर आजाद, रामप्रसाद बिस्मिल, राजेन्‍द्रनाथ लाहिड़ी, अशफाकउल्‍ला खां एवं ठाकुर रोशनसिंह सहित कुल 10 क्रांतिकारियों ने लखनऊ के काकोरी स्टेशन पर लूट लिया था। इस घटना को इतिहास में काकोरी काण्ड के नाम से जाना जाता है जिसके मुख्य सूत्रधारों में चंद्रशेखर आजाद भी शामिल थे। इस घटना से अंग्रेजी सरकार सकते में आ गयी थी एवं क्रांतिकारियों को पकड़ने के लिए अभियान शुरू कर दिया गया।

हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन (Hindustan Repablican Association) की स्थापना

काकोरी काण्ड की घटना के पश्चात ब्रिटिश सरकार द्वारा इस घटना से जुड़े सभी अभियुक्तों को पकड़ लिया गया एवं रामप्रसाद बिस्मिल, राजेन्‍द्रनाथ लाहिड़ी, अशफाकउल्‍ला खां एवं ठाकुर रोशनसिंह को सूली पर चढ़ा दिया गया। हालांकि इस दौरान ब्रिटिश सरकार चंद्रशेखर आजाद को पकड़ने में नाकामयाब रही। आजाद द्वारा क्रांतिकारी गतिविधियों के संचालन हेतु हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन (Hindustan Repablican Association) की स्थापना की गयी जिसका नाम वर्ष 1928 में बदलकर हिन्‍दुस्‍तान सोशलिस्‍ट रिप‍ब्लिकन एसो‍सिएशन रख दिया गया। इस संगठन द्वारा सांडर्स हत्याकांड एवं केंद्रीय असेंबली में बम फेंकने की घटनाओं को अंजाम दिया गया।

अल्‍फ्रेड पार्क का योद्धा: चंद्रशेखर आजाद

भारत की आजादी के महान क्रांतिकारी नायक चंद्रशेखर आजाद 27 फरवरी 1931 के दिन अपने मित्रो से मिलने इलाहबाद के अल्‍फ्रेड पार्क में गए थे। यहाँ मुखबिरों द्वारा इसकी सूचना ब्रिटिश सरकार के अधिकारियों को दी गयी जिसके पश्चात ब्रिटिश सिपाहियों द्वारा उन्हें चारो ओर से घेर लिए गया एवं आत्मसमर्पण करने को कहा गया। जीवन भर आजाद रहने वाला क्रांतिकारी भला ब्रिटिश सरकार के चंगुल में कैसे आ सकता था यही कारण रहा की बचने का कोई उपाय ना होने पर आजाद ने अपनी पिस्टल से स्वयं को गोली मार दी। इस महान क्रांतिकारी की सम्मान में अल्‍फ्रेड पार्क का नाम बदलकर चन्द्रशेखर आज़ाद पार्क रखा गया है।

महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद सम्बंधित अकसर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

चंद्रशेखर आजाद का जन्म कब और कहाँ हुआ था ?

चंद्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई, 1906 को मध्यप्रदेश के भाबरा गांव में हुआ था। इनके पिता सीताराम तिवारी एवं माता जागरणी देवी थी।

चंद्रशेखर आजाद का वास्तविक नाम क्या था ?

चंद्रशेखर आजाद का वास्तविक नाम चंद्रशेखर तिवारी था। आजादी के आंदोलन से प्रभावित होने के कारण उन्होंने आजाद नाम धारण कर लिया।

महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद का जीवन परिचय सम्बंधित जानकारी प्रदान करें ?

महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद का जीवन परिचय सम्बंधित जानकारी के लिए ऊपर दिया गया आर्टिकल पढ़े। यहाँ आपको Chandra Shekhar Azad Biography in Hindi सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान की गयी है।

चंद्रशेखर आजाद स्वतंत्रता संग्राम के दौरान किस विचारधार से जुड़े थे ?

चंद्रशेखर आजाद स्वतंत्रता संग्राम के दौरान क्रांतिकारी विचारधार से जुड़े थे।

चंद्रशेखर आजाद द्वारा कौन सा प्रसिद्ध कथन कहा गया है ?

चंद्रशेखर आजाद द्वारा कहा गया प्रसिद्ध कथन निम्न है :-“अभी भी जिसका खून ना खौला, वो खून नहीं पानी है जो देश के काम ना आए, वो बेकार जवानी है” .

चन्द्रशेखर आजाद कब शहीद हुए ?

चन्द्रशेखर आजाद 27 फरवरी 1931 को इलाहबाद के अल्फ्रेड पार्क में शहीद हुए थे।

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