तो दोस्तों आज हम आपको इस लेख में 5 सबसे तेजी से उभरते ऐसे देशों के समूह यानि के ब्रिक्स के बारे में बताने वाले हैं। उस संगठन में 5 देश शामिल हैं जो की हैं भारत, रूस, चीन, ब्राज़ील, साउथ अफ्रीका। तो दोस्तों क्या आप जानते हैं कि ब्रिक्स सम्मेलन क्या होता हैं अगर नहीं तो उसमे आपको चिंता करने की कोई भी आवश्यकता नहीं हैं क्योंकि आज हमारे इस लेख के चर्चा का विषय ब्रिक्स सम्मेलन ही हैं तो आज हम आपको इस लेख के माध्यम से इसके बारे में बहुत सी जानकरी प्रदान करने वाले हैं जैसे की – ब्रिक्स सम्मेलन क्या हैं ,ब्रिक्स में कौन कौन से देश शामिल हैं , ब्रिक्स का इतिहास,आदि जैसी बहुत सी जानकारी। तो दोस्तों अगर आप भी ब्रिक्स के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हो तो उसके लिए आपको हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ना होगा तब ही आप इसे सम्बंधित जानकारी प्राप्त कर सकोगे।
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Article Contents
- 1 ब्रिक्स सम्मेलन क्या है | What is BRICS Summit
- 1.1 BRICS का इतिहास | History of BRICS
- 1.2 BRICS का उद्देश्य | Objective of BRICS
- 1.3 ब्रिक्स देशों और उनके वर्तमान नेताओं के नाम
- 1.4 ब्रिक्स देश के अभी तक के हुए शिखर सम्मेलन और उनके विषय
- 1.5 ब्रिक्स महत्वपूर्ण क्यों | Why BRICS is Important
- 1.6 न्यू डेवलपमेंट बैंक | New Development Bank Under BRICS
- 1.7 ब्रिक्स सम्मेलन मतभेद और मुद्दे | BRICS Summit Difference & Issues
ब्रिक्स सम्मेलन क्या है | What is BRICS Summit
ब्रिक्स दुनिया की 5 सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था वाले संगठन का नाम है। इस संघठन में 5 देश शामिल हैं जिनका नाम हैं – ब्राज़ील,रूस,इंडिया,चीन,साउथ अफ्रीका। इस समूह का गठन 2009 में हुआ था। इस समूह का सम्मेलन करीब 10 बार हो चूका हैं। ब्रिक्स संघठन का हर साल एक औपचारिक सम्मेलन होता हैं। इस सम्मेलन में इस संघठन में शामिल सभी देश के प्रमुखों को शामिल किया जाता हैं। का नाम BRICS इसलिए रखा गए हैं क्योंकि इस संघठन में शामिल जी भी देश हैं उनके शुरुआती अक्षर को लिया गया हैं जैसे की – ब्राज़ील का B,रूस का R, इंडिया का I,चीन का C,और साउथ अफ्रीका का S
पहले इस संगठन में केवल 4 ही सदस्य शामिल थे उस समय इस संगठन का नाम BRIC था। लेकिन उसके बाद सन 2010 में इस संगठन में एक और देश शामिल हुआ जिसका नाम हैं साउथ अफ्रीका उसके बाद इस संगठन का नाम BRICS पढ़ा। पहली बार इस संगठन का सम्मेलन 2009 में हुआ था। इस संगठन का हर साल एक सम्मेलन अवश्य होता हैं और उस सम्मेलन को इस संगठन के सदस्यों के द्वारा आयोजित किया जाता हैं। सन 2006 में न्यूयोर्क में सभी ब्रिक संघठन देशों के विदेश मंत्रियों का एक सेशन हुआ था। उस सेशन के दौरान ही भारत, रूस, चीन, ब्राज़ील ने इस संगठन को बनाने का निर्णय लिया। उस निर्णय को सभी के अनुमति के द्वारा ही लिया गया था।
उसके बाद 2009 में यानि के निर्णय लेने के 3 वर्ष के बाद ब्रिक सम्मेलन का आयोजन हुआ था। उस सम्मेलन को करने का आयोजन रूस के द्वारा किया गया था। उसके बाद हर वर्ष इस संघठन का सम्मेलन होता हैं। हर वर्ष कोई न कोई देश इस सम्मेलन का आयोजन करता हैं। उसके बाद 2010 में इस संगठन में दक्षिण अफ्रीका भी इसमें सम्मिलित हुआ था। उसके बाद से दक्षिण अफ्रीका भी इस संगठन का हिंसा बन चूका था और उसके बाद इस संगठन का नाम BRIC से BRICS हो गया था।
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BRICS का इतिहास | History of BRICS
तो दोस्तों अगर आप भी ब्रिक्स के इतिहास के बारे में जानते हो तो उसके बारे में हमने यहाँ पर बताया हैं तो कृपया करके यहाँ पर दी गयी जानकारी को अंत तक पढ़े
- ब्रिक्स संगठन में जो जो देश शामिल उन सभी देशों की अर्थव्यवस्था काफी मजबूत हैं इस बारे में जिम ओ’नील ने अपने ‘द वर्ल्ड नीड्स बेटर इकोनॉमिक ब्रिक’ में एक बार छापा गया था।
- जिम ओ’नील, गोल्डमैन सैच्य समूह यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ अमेरिका का एक मल्टी नेशनल निवेश बैंक और फाइनेंसियल सर्विस कंपनी हैं उसमे उस समय में अध्यक्ष के रूप में कार्य करते थे उन्होंने उस समय में ब्राज़ील, भारत, चीन, रूस के अर्थव्यवस्था के ऊपर रिसर्च करि थी और इन सभी देशों के अर्थव्यवस्था के ऊपर जांच करने के बाद ही उन्होंने अपना अनुसन्धान प्रकाशित किया था।
- उस प्रकाशन में जिम ओ’नील में लिखा था की ब्रिक्स संगठन में सम्मिलित देश यानि के रूस,इंडिया,चीन,ब्राज़ील का आने वाले 50 वर्षों में देशों की अर्थव्यवस्था विश्व में सभी अर्थव्यवस्थओं वाले देशों से अधिक होने वाली हैं क्योंकि ब्रिक में सम्मिलित देशों का बाजार काफी बड़ा हैं,और अभी भी उनका बाजार काफी तेजी से बढ़ रहा हैं।
- इस प्रेक्षण में जिम ओ’नील ने ही ब्रिक शब्द का प्रयोग किया था और इन्होने ही सभी सम्मिलित देशों का पहला शब्द का इस्तेमाल करके ब्रिक शब्द का जिक्र किया था।
BRICS का उद्देश्य | Objective of BRICS
ब्रिक्स संघठन का निर्माण बहुत से उद्देश्यों के लिए बनाया गया हैं जिसके बारे में हम आपको बताने वाले हैं। जैसा की आप सभी जानते हो की डॉलर को विश्व की प्रमुख मुद्रा माना जाता हैं। वैसे तो डॉलर अमेरिका की राष्ट्रिय मुद्रा हैं परन्तु इसको विश्व स्तर पर प्रयोग किया जाता हैं। ब्रिक्स का प्रमुख उद्देश्य यह हैं की जिस प्रकार से डॉलर एक विश्व स्तरीय मुद्रा हैं उसी तरह और देशों की मुद्राओं को भी मजबूत बनाया जाए और उन सभी मुद्राओं को भी विश्व स्तर पर ले जाया जाए। ब्रिक्स संगठन को बनाने के और भी कई कारण है जैसे की ब्रिक्स संगठन सभी देश जो की विकाशील हैं उन सभी एक लिए व्यापर का ब्लॉक बनाना भी इसका उदेश्य हैं।
ऐसा इसलिए हैं क्योंकि अगर देखा जाए तो जो विकसित देश हैं उन सभी ने व्यापर के क्षेत्र में सभी विकाशील देशो पर दबदबा बनाया हुआ हैं। इसलिए ब्रिक्स व्यापर का ब्लॉक बनाना चाहता हिन् ताकि सभी विकसित देशों का दबदबा विकाशील देशों पर से ख़तम हो सकें। इसके साथ ही ब्रिक्स संघठन का एक और उद्देश्य यह है की सभी विकाशील देशों को विकसित देश में परिवर्तित करने के लिए सभी विकाशील देशों की मदद कर रहा हैं।
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ब्रिक्स देशों और उनके वर्तमान नेताओं के नाम
तो दोस्तों जैसा की आप सभी को पता होगा की कुछ वर्षों के बाद हर किसी देश का प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति बदला जाता हैं तो आज हम आपको यहाँ पर बताने वाले हैं की वर्तमान समय में किस देश का राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री कौन हैं।
बिक्स देशों के नाम | वर्तमान नेताओं के नाम | नेताओं का पद |
भारत | नरेंद्र मोदी | प्रधान मंत्री |
रूस | व्लादिमीर पुतिन | राष्ट्रपति |
दक्षिण अफ्रीका | सिरिल रामाफोसा | राष्ट्रपति |
ब्राजील | मिशेल टेमर | राष्ट्रपति |
चीन | शी जिनपिंग | राष्ट्रपति |
ब्रिक्स देश के अभी तक के हुए शिखर सम्मेलन और उनके विषय
तो दोस्तों जैसा की हमने आपको बताया की ब्रिक्स संघठन हर वर्ष एक सम्मेलन आयोजित करते हैं और उस सम्मेलन में सभी सदस्य बहुत से विषय पर चर्चा करते हैं। हमने आपको यहाँ पर बताया हैं की किस वर्ष में कब कब ब्रिक्स संगठन का सम्मेलन हुआ और किसके द्वारा आयोजित किया गया और किस सम्मेलन में किस विषय पर चर्चा की गयी।
कौन सा सम्मेलन | किस दिन और किस साल हुआ | किस देश द्वारा आयोजित किया गया | नेता का पद | मेजबान नेता का नाम | विषय |
प्रथम शिखर सम्मेलन | 16 जून, 2009 | रूस | राष्ट्रपति | दिमित्री मेदवेदेव | – |
दूसरा शिखर सम्मेलन | 15 अप्रैल, 2010 | ब्राजील | राष्ट्रपति | लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा | – |
तीसरा शिखर सम्मेलन | 14 अप्रैल, 2011 | चीन | राष्ट्रपति | हू जिंताओ | ब्रॉड विज़न, शेयर्ड प्रोस्पेरिटी |
चौथा शिखर सम्मेलन | 29 मार्च, 2012 | भारत | प्रधानमंत्री | मनमोहन सिंह | वैश्विक स्थिरता, सुरक्षा और समृद्धि के लिए ब्रिक्स भागीदारी |
पांचवा शिखर सम्मेलन | 26-27 मार्च 2013 | दक्षिण अफ्रीका | राष्ट्रपति | जैकब जुमा | ब्रिक्स और अफ्रीका: विकास, एकीकरण और औद्योगिकीकरण के लिए साझेदारी |
छठा शिखर सम्मेलन | 14-17 जुलाई 2014 | ब्राजील | राष्ट्रपति | दिलमा रौसेफ | समावेशी विकास: सतत समाधान |
सातवां शिखर सम्मेलन | 8-9 जुलाई 2015 | रूस | राष्ट्रपति | व्लादिमीर पुतिन | ब्रिक्स भागीदारी – वैश्विक विकास का एक शक्तिशाली कारक |
आठवां शिखर सम्मेलन | 15-16 अक्टूबर 2016 | भारत | प्रधानमंत्री | नरेंद्र मोदी | उत्तरदायी, समावेशी और सामूहिक समाधान बनाना |
नौंवा शिखर सम्मेलन | 3-5 सितंबर 2017 | चीन | राष्ट्रपति | शी जिनपिंग | ब्रिक्स: एक उज्ज्वल भविष्य के लिए मजबूत साझेदारी |
दसवां शिखर सम्मेलन | 5-27 जुलाई 2018 | दक्षिण अफ्रीका | राष्ट्रपति | सिरिल रामाफोसा | अफ्रीका में ब्रिक्स |
ब्रिक्स महत्वपूर्ण क्यों | Why BRICS is Important
आज के समय में ब्रिक्स को काफी महत्वपूर्ण माना जाता हैं क्योंकि इस संगठन को बनाने के पीछे जो भी उद्देश्य वह भी काफी महत्वपूर्ण हैं। इसका उद्देश्य व्यापर को बढ़ाना भी है जो की सभी देशों के लिए काफी महत्वपूर्ण चीज हैं। क्योंकि इसमें जो बी देश शामिल है वह सभी देश व्यापार में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं क्योंकि जो भी देश इसमें शामिल उन सभी देशों की जनसँख्या काफी अधिक हैं और देखा जाए इन देशों की जनसँख्या विश्व के जनसँख्या के 43% हैं। इस संगठन की जीडीपी अगर मिलाकर देखि जाए तो यह करीब 16 ट्रिलियां डॉलर की हैं। इनकी जीडीपी विश्व की जीडीपी के मुक़ाबले 30% हैं। पूरे विश्व का व्यापर का करीब 17% व्यापार इन पांच देशों से होकर जाता हैं।
अगर देखा जाए तो जो पांच देश इसमें शामिल हैं वह आपस में जो भी व्यापार करते हैं वह पूरे विश्व में होने वाले व्यापार का करीब 5% हैं।BRICS के अंतर्गत आने वाले पांच देशों के अंतर्गत विश्व भर के सोने के भण्डार का आधा है और उसके साथ साथ ही इनके पास फॉरेन एक्सचेंज के अंतर्गत भी लगभग आधे का हिस्सा रखते हैं। यही कारण है की ब्रिक्स काफी महत्वपूर्ण है और सम्पूर्ण विश्व की नजरे ब्रिक्स पर ही रहती हैं। लगभग सभी देशों का ध्यान इसी पर रहता हैं की ब्रिक्स में सम्मिलित पांच देशों की गतिविधियां क्या हैं।
- माना यह जाता हैं की वर्तमान समय में भारत की अर्थव्यवस्था पूरे विश्व में सबसे तेजी से बढ़ रही हैं। इसलिए भारत ब्रिक्स में काफी महत्वपूर्ण स्थान रखता है और वह इसमें और भी अधिक जान दाल सकता हैं।
- जैसा की आप सभी जानते होंगे की ब्राज़ील लातिन अमेरिका का प्रमुख देश है और दक्षिण अफ्रीका भी अफ्रीका महाद्वीप का सबसे बड़ा देश है और अगर देखा जाए तो ब्रिक्स की काफी विश्व काफी दूर दूर तक फैला हुआ हैं।
- पूरे विश्व में होने वाले व्यापर का 17% व्यापार इन्ही पांच देशों के पास हैं।
- पूरे विश्व की जीडीपी में से 30 प्रतिशत जीडीपी इन्ही पांच देशों की हैं।
न्यू डेवलपमेंट बैंक | New Development Bank Under BRICS
नई डेवलपमेंट बैंक कि शुरुआत भी ब्रिक्स के द्वारा ही की गयी हैं। इस बैंक की शुरुआत 2014 में जुलाई में की गयी थी। परन्तु इस बैंक का सञ्चालन 2015 में हुआ था। जिस समय इस बैंक को खोला गया था उस समय में इस बैंक का नाम ब्रिक्स डेवलपमेंट बैंक था उसके बाद इसका नाम नई डेवलपमेंट बैंक रख दिया गया। शुरुआत में इस बैंक के आधारभूत संरचना पर अधिक ध्यान दिया गया था। उसके लिए इस बैंक पर करीब 34 बिलियन डॉलर प्रतिवर्ष खर्च करने पढ़े थे।
वर्तमान समय में इस बैंक का हेडक्वार्टर चीन में स्थित हैं और इस बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय दक्षिण अफ्रीका और ब्राज़ील में स्थित हैं। इस बैंक के पहले अध्यक्ष का नाम Mr. K.V. Kamath जो की भारतीय है। इस बैंक की शुरुआत 50 बिलियन डॉलर के साथ की गयी थी।
ब्रिक्स सम्मेलन मतभेद और मुद्दे | BRICS Summit Difference & Issues
ब्रिक्स में कुछ देशों के बीच मे कुछ आपसी मतभेद भी हैं जिसके बारे में हम आपको यहाँ पर बताने वाले हैं तो कृपया इसको ध्यान से पढ़े
- ब्रिक्स वैसे तो सबके साथ आर्थिक मुद्दों पर कार्य करना चाहता हैं लेकिन इनमे से कुछ देशों के बीच में राजनैतिक विषय पर विवाद हैं।
- उन सभा विवादों में से सबसे प्रमुख विवाद है भारत और चीन के बीच सीमा को लेकर यह विवाद है।
- इसी कारण की वजह से भारत और चीन एक दूसरे को सरहद के आर पार खड़े पते हैं।
- भारत चीन से एक बात को लेकर असहज है वो हैं चीन व पाकिस्तान के बीच में सम्बन्ध
- भारत, ब्राज़ील और दक्षिण अफ़्रीका यह सभी एक लोकतंत्र देश है और ये सभी देश अमेरिका के साथ अच्छे संबंधों के साथ भी जाने जाते हैं।
- ब्राज़ील चीन की राष्ट्रिय मुद्रा को जानबूझकर सस्ता रखने के लिए भी चिंता दर्शा चूका हैं।
- वैसे तो ब्रिक्स संगठन को काफी मजबूत संगठन माना जाता है परन्तु इसमें चौका देने वाली बात यह हैं की इस संगठन में कोई भी पश्चिमी देश शामिल नहीं हैं और इस संगठन में दुनिया की तीन सबसे मजबूत अर्थव्यवस्थाएं मौजूद है जो चीन, रूस और भारत है। यह तीनों ही सुरक्षा परिषद में भी शामिल हैं।
ब्रिक्स से सम्बंधित कुछ प्रश्न व उन सभी के उत्तर
BRICS की फुल फॉर्म है –
B – Brazil
R – Russia
I – India
C – China
S – South Africa
ब्रिक्स दुनिया की 5 सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था वाले संगठन का नाम है। इस संघठन में 5 देश शामिल हैं जिनका नाम हैं – ब्राज़ील,रूस,इंडिया,चीन,साउथ अफ्रीका।
ब्रिक्स संघठन का गठन 2009 में हुआ था।
ब्रिक्स संगठन में दक्षिण अफ्रीका 2010 में शामिल हुआ था।
ब्रिक्स द्वारा स्थापित नई डेवलपमेंट बैंक का मुख्यालय चीन के शंघाई शहर में स्थित हैं।
ब्रिक्स सम्मेलन पहली बार रूस के द्वारा आयोजित किया गया था।
ब्रिक्स के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य कुछ इस प्रकार हैं।
1. पूरे विश्व में होने वाले व्यापर का 17% व्यापार इन्ही पांच देशों के पास हैं।
2. पूरे विश्व की जीडीपी में से 30 प्रतिशत जीडीपी इन्ही पांच देशों की हैं।
नई डेवलपमेंट बैंक की स्थापना 2014 में जुलाई में की गयी थी
तो दोस्तों आज हमने आपको इस लेख की मदद से आप सभी को BRICS के बारे में बहुत सी जानकारी प्रदान की हैं और अगर आप सभी को यह जानकारी अच्छी लगी हो तो आप हमें कमेंट करके भी बता सकते हैं और अगर आपको इससे सम्बंधित कुछ प्रश्न है तो उनके बारे में भी आप हमसे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हो हम जितना जल्दी हो सकें आपके प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करेंगे।