यह कल्पना करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है की ब्रह्माण्ड कितना बड़ा है। अक्सर ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति को लेकर हमारे मन में कई सवाल भी उठते है कि ब्रह्माण्ड कैसा बना पहले कैसा था। आज के इस लेख से ब्रह्माण्ड के सन्दर्भ में हम जानेंगे Big Bang Theory क्या है ? Big bang theory in hindi ब्रह्माण्ड का जन्म एक महाविस्फोट के परिणाम स्वरुप हुआ जिसको बिग बैंग सिद्धांत या महाविस्फोटक सिद्धांत भी कहते है। आज हम आप सभी को यहाँ पर इसी के बारे में जानकारी प्रदान करने वाले है। तो कृपया कर लेख को अंत तक पढ़िए।
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Big Bang Theory क्या है ?
बिग बैंग या जोरदार धमाका ब्रह्माण्ड की रचना का एक वैज्ञानिक सिद्धांत है। बिंग बैंग थ्योरी के माध्यम से ये बताने की कोशिश की गयी है की ब्रह्माण्ड की रचना कैसे हुई और कब हुई। इस थ्योरी को प्रोफेसर हॉकिंस ने समझाया था इसके अनुसार 15 अरब वर्ष पहले भौतिक तत्व और ऊर्जा एक बिंदु में सिमटे हुए थे फिर इस बिंदु ने फैलना शुरू किया। आरम्भ में ब्रह्माण्ड संघन और गर्म था। अत्यधिक दवाब के कारण विस्फोट हुआ बिग बैंग कोई बम विस्फोट जैसा विस्फोट नहीं था इसमें ब्रह्माण्ड के कण पुरे अंतरिक्ष में फ़ैल कर एक दूसरे से दूर भागने लगे थे। इस विस्फोट के मात्र 1.43 सेकंड अन्तराल के बाद समय, अंतरिक्ष की वर्तमान मान्यताए अस्तित्व में आ चुकी थी। और भौतिकी के नियम लागू होने लग गए थे।
विश्व में मशहूर वैज्ञानिक प्रोफेसर स्टीफन हॉकिंग ने ब्रह्माण्ड को समझने में अपना पूरा योगदान दिया बिग बैंग का सिद्धांत समझाने में भी उनकी अहम भूमिका है। प्रोफेसर स्टीफन हॉकिंग ने बताया की बिगबैंग से पहले समय का कोई अस्तित्व भी नहीं था। वो कहते थे की आइंस्टीन के सिद्धांत के मुताबिक ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति के समय भौतिक पदार्थ और ऊर्जा छोटी जगहों पर केंद्रित थी
Big Bang सिद्धांत
बिग बैंग के आरम्भ का इतिहास एक ाआधुनिक भौतिकी में लिखा था जिनका नाम जॉज लेमैत्रे था यह एक रोमन कैथोलिक के पादरी थे और साथ ही एक वैज्ञानिक भी थे। जॉज लेमैत्रे ने वर्ष 1927 में ब्रह्मण्ड की उत्पत्ति के सन्दर्भ में एक सिद्धांत प्रतिपादित किया जिसका नाम है बिग बैंग सिद्धांत। बिग बैंग सिद्धांत के द्वारा ही ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति हुई और विस्तार की परिकल्पना प्रमाणित है। उन्होंने दावा किया की ब्रह्माण्ड पहले एक विशाल भारी गोला था। जिसमे एक समय के बाद बड़ा विस्फोट हुआ और उस धमाके की वजह से इसमें सिमटा हर एक कण छोटे छोटे टुकड़ो में फ़ैल गया। जो छोटे छोटे टुकड़े हुए थे वे अंतरिक्ष में जा कर धीरे धीरे तारो और ग्रहो के रूप में परिवर्तित हो गए। ब्रह्माण्ड आज भी धीरे धीरे फ़ैल रहा है।धमाके में इसमें अत्यधिक ऊर्जा का उत्सर्जन हुआ। यह ऊर्जा इतनी अधिक थी की इसके प्रभाव से ब्रह्माण्ड फैलता जा रहा है। यह सिद्धांत अल्बर्ट आइन्स्टीन के प्रसिद्ध सिद्धांत सामान्य सापेक्षवाद पर आधारित था।
एडविन हबल ने 1929 में बताया की गलैक्सी एक दूसरे से सिकुड़ रही है। इन्होने बताया की ब्रह्माण्ड क निरंतर विस्तार हो रहा है यानी ब्रह्माण्ड कभी सघन रहा होगा। उन्होंने बताया की आकाशगंगाओ के मध्य आपसी सम्बन्ध है और वे रेडशिफ्ट के माध्यम से एक दूसरे से सम्भंदित होती रहती है।उन्होंने बताया की ब्रह्माण्ड तेजी से फ़ैल आकाशगगाये से दूर जा रहे। है बिग बंग सिद्धांत दो अवधारणाओं पर आधारित है पहला भौतिक नियम और दूसरा ब्रह्मांडीय सिद्धांत।ब्रह्मांडीय सिद्धांत के अनुसार ब्रह्माण्ड सजातीय और समदैशिक होता है।
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ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति
ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति को लेकर वैसे तो बहुत सरे सिद्धांत है लेकिन सर्वश्रेष्ठ बिग बैंग सिद्धांत को मन जाता है। विज्ञान का कहना है की एक बिग बैंग यानि बड़ा धमाका हुआ उसके बाद गैसे ठोस होती गयी और फिर इस ब्रह्माण्ड की रचना हुई। ब्रह्माण्ड शुरू में ऐसा बिलकुल नहीं था जैसा अब दिखाई देता है। शुरुआत में यह प्रकाश के साथ ऊर्जा के असीम रूप से गर्म छोटे कणो का मिश्रण था। जैसे जैसे ये फैलता गया ये जगह घेरता रहा और ठंडा होता गया। इसके बाद छोटे-छोटे कणो में मिलकर परमाणु का निर्माण किया। बिग बैंग के कई वर्षो बाद तापमान कम होने के बाद हलके तत्व जैसे हाइड्रोजन और हीलियम जैसे तत्वों का निर्माण हुआ फिर धीरे-धीरे हलके तत्वों से भारी तत्वों का निर्माण शुरू हुआ। जहा डार्क मैटन सबसे अधिक सघन था वहा हाइड्रोजन और हीलियम के विशाल बदल उस जगहों की और खींचे चले गए।
बिग बैंग सिद्धांत के आधार पर ही ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति और विस्तार की कल्पना की जा सकती है। ब्रह्माण्ड का जन्म एक महाविस्फोटक के प्रणामस्वरूप हुआ। पहले सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड एक परमाण्विक इकाई के रूप में संघनित था। उस समय समय और स्थान का कोई अस्तित्व नहीं था। धमाके के 3 लाख 80 हज़ार साल बाद यह फोटॉन रह गए जिनसे तारो और आकाशगंगाओ का निर्माण हुआ और इसके बाद ग्रहो और हमारी पृथ्वी निर्माण हुआ।
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Cosmic microwave background (CMB)
ब्रह्माण्ड के बनने के समय उसका तापमान अधिक था सभी मूल कण इलेक्ट्रान प्रोटोन न्यूट्रॉन और फोटोन सब स्वतंत्र अवस्था में थे। प्रकाश के फोटॉन कण इलेक्ट्रोनो में परिवर्तित होते रहते थे। उस समय ब्रह्माण्ड में कही भी रोशनी नहीं थी उस दौर को डार्क ऐज कहा जाता है। समय के साथ-साथ ब्रह्माण्ड भी फैलता गया और तापमान कम होने लगा और हल्के तत्वो का निर्माण होने लगा।
प्रकाश कणों को प्रवर्तित करने के लिए कोई इलेक्ट्रान अवस्था में नहीं बचे। परिणामस्वरूप प्रकाश के कण ब्रह्माण्ड में फैलने के लिए स्वतंत्र हो गए। जब प्रकाश कणो ने फैलने शुरू किया टी इन कणो ने अरबो वर्ष की दूरी तय की और इनकी ऊर्जा घटने लगी औरतरंग तरंगदैर्ध्य बढ़ने लगा। इन बढ़ती तरंगदैधर्य को सर्वप्रथम रोबर्ट विल्सन(Robert wilson) और आरनो पेंजिअस (Arno Panzias) ने सन 1964 में देखा। ये घटना भी बिग बैंग थ्योरी की पुष्टि करती है।
Big Bang Theory से सम्बंधित प्रश्न
करीब 15 अरब वर्ष पहले ब्रह्माण्ड सिमटा हुआ था फिर इसमें एक विस्फोट हुआ जिसके सिमटा हर एक कण फ़ैल गया और इस प्रचार ब्रह्माण्ड की रचना हुई।
जॉज लेमैत्रे ने 1927 में बिंग बैंग थ्योरी दी।
बिग बैंग सिद्धांत ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति का वर्णन करता है।
विज्ञान के अनुसार ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति एक महा विस्फोट के परिणामस्वरूप हुई।