भारत में एक ट्रेन चालक के वेतन के बारे में जानें – Train Driver Salary Per Month in india

प्रायः आपने भी भारतीय रेलवे में सफर किया होगा ! ऐसे में अकसर आपके मन में भी यह सवाल आता होगा की एक ट्रेन चालक का वेतन कितना होता है ? चलिए अगर आपको इस बारे में मालूम नहीं है तो चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको इस संबंध में सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान करने वाले है। आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बताने वाले है की भारत में एक ट्रेन चालक के वेतन के बारे में जानें (Train Driver Salary Per Month in india) मिलती है।

भारत में एक ट्रेन चालक के वेतन के बारे में जानें - Train Driver Salary Per Month in india
भारत में एक ट्रेन चालक के वेतन के बारे में जानें – Train Driver Salary Per Month in india

हमारे देश में लाखों युवा रेलवे में चालक बनकर अपने उज्जवल भविष्य का सपना देखते है ऐसे में यह आर्टिकल उन युवाओं के लिए भी मददगार साबित होगा। आज के आर्टिकल के माध्यम से हम आपको रेलवे ड्राइवर कैसे बनें ? (Railway Driver kaise bane), रेलवे में जॉब कैसे मिलती है ? रेलवे में नौकरी के लिए क्या योग्यताएँ होनी आवश्यक है और रेलवे ड्राइवर बनने के लिए चयन प्रक्रिया के सम्बन्ध में भी सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान करने वाले है। तो रेलवे में नौकरी पाने वाले इच्छुक उम्मीदवारों को इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ने की सलाह दी जाती है।

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ट्रेन चालक को क्या कहा जाता है ?

ट्रेन चालक की सैलरी के बारे में जानकारी प्राप्त करने से पूर्व हमे यह जानना आवश्यक होता है की ट्रेन चालक (Railway Driver) को क्या कहा जाता है। अधिकतर लोगो को लगता है की ट्रेन ड्राइवर को ट्रेन ड्राइवर ही कहा जाता है परन्तु यह सच्चाई नहीं है। आधिकारिक रूप से ट्रेन ड्राइवर को लोको पायलट (Loco Pilot) या ट्रेन लोको पायलट (Train loco pilot) कहा जाता है। हालाँकि यह हवाई जहाज को संचालित करने वाले पायलट से भिन्न होता है परन्तु यह ध्यान रखना आवश्यक है की जिस प्रकार हवाई जहाज के पायलट के कंधो पर हजारों यात्रियों को सुरक्षित गंतव्य पर पहुँचाने की जिम्मेदारी होती है उसी प्रकार से ट्रेन ड्राइवर या लोको पायलट (Loco Pilot) पर भी हजारों यात्रियों को सुरक्षित गंतव्य पर पहुँचाने की जिम्मेदारी होती है।

लोको पायलट (Loco Pilot) का कार्य ट्रेन को संचालित करने के अतिरिक्त ट्रेन के रखरखाव, इसकी सुरक्षा, रिपेयरिंग करने तथा ट्रैफिक सिग्नल का पालन करने एवं आधिकारिक कार्यो हेतु उच्च अधिकारीयों तथा कर्मियों से संवाद करने की जिम्मेदारी होती है।

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ट्रेन चालक को कितना वेतन मिलता है ?

ट्रेन चालक या लोको पायलट (Loco Pilot) भारत में एक आकर्षक जॉब मानी जाती है जहाँ कर्मचारियों को अच्छा-खासा वेतन एवं अन्य सुविधाएँ प्राप्त होती है। वर्तमान समय में भारत में 7वां वेतनमान लागू है ऐसे में लोको पायलट (Loco Pilot) की सैलरी में अच्छी-खासी वृद्धि देखने को मिली है। ट्रेन चालक, सहायक लोको पायलट या असिस्टेंट लोको पायलट (Assistant Loco Pilot) के रूप अपना करियर शुरू करते है जहाँ शुरुआत में इन्हे 13,500 रुपए प्रति महीना का वेतन प्राप्त होता है। अनुभव बढ़ने पर लोको पायलट के वेतन में वृद्धि होती रहती है एवं इन्हे प्रतिमाह एक लाख रुपए से भी अधिक की सैलरी मिलती है।

सालाना स्तर पर बात की जाए तो ट्रेन ड्राइवर को प्रतिवर्ष शुरुआत में 2,21,800 रुपए से लेकर अनुभव बढ़ने पर 10 लाख रुपए तक का औसत वेतन मिलता है। हालांकि लोको पायलट के वार्षिक औसत वेतन की बात की जाए तो यह 3,60,000 रुपए प्रतिवर्ष के करीब है। साथ ही सेवा के वर्षो में बढ़ोतरी होने पर प्रतिवर्ष लोको पायलट की सैलरी में भी वृद्धि होती है।

हालाँकि यह याद रखना आवश्यक है की लोको पायलट को केंद्र सरकार द्वारा महँगाई अलाउंस, नाइट ड्यूटी अलाउंस, ओवरटाइम अलाउंस, ड्रेस अलाउंस, हॉलीडे अलाउंस एवं अन्य प्रकार के अलाउंस भी प्रदान किए जाते है ऐसे में लोको पायलट को प्रतिमाह 60,000 रुपए से अधिक का वेतन नकद रूप से हाथ में (In-hand Salary) प्राप्त होता है। इसके अतिरिक्त इन्हे प्रति 100 किलोमीटर पर 520 रुपए का भत्ता भी प्रदान किया जाता है।

ट्रेन चालक को मिलने वाली अन्य सुविधाएँ

ट्रेन चालकों को भारत सरकार द्वारा विभिन प्रकार की सुविधाएँ प्रदान की जाती है। चूँकि लोको पायलट का कार्य मुश्किलों एवं तनाव से भरा कार्य है जहाँ ड्राइवर को विभिन प्रकार की महत्वपूर्ण बातो का ध्यान रखना पड़ता है ऐसे में सरकार द्वारा लोको पायलट को निम्न सुविधाएँ प्रदान की जाती है :-

  • लोको पायलट को रेलवे द्वारा रहने के लिए आवास एवं आवास भत्ता की सुविधा प्रदान की जाती है।
  • सभी लोको पायलट को सरकार द्वारा मुफ्त मेडिकल सुविधाएँ एवं इंसोरेंस सुविधाएँ प्रदान की जाती है।
  • लोको पायलट को सरकार द्वारा महँगाई भत्ता एवं अन्य प्रकार के अलाउंसेस प्रदान किए जाते है।
  • लोको पायलट को नाईट अलाउंसेस एवं ओवरटाइम अलाउंसेस भी प्रदान किए जाते है। साथ ही रोस्टर शिफ्ट में लोको पायलट को रेस्ट हेतु भी आवश्यक समय प्रदान किया जाता है।

रेलवे ड्राइवर कैसे बनें ? (Railway Driver kaise bane)

रेलवे ड्राइवर या लोको पायलट देश में एक आकर्षक जॉब के रूप में परिभाषित की जाती है ऐसे में अधिकतर युवा रेलवे में करियर बनाने का सपना देखते है। हालाँकि अधिकतर युवाओं को यह ज्ञात नहीं होता की रेलवे ड्राइवर कैसे बनें ? (Railway Driver kaise bane), रेलवे ड्राइवर बनने का प्रोसेस क्या है एवं रेलवे में जॉब पाने के लिए किन-किन चरणों को पार करना पड़ता है। आपको बता दे की भारत सरकार द्वारा रेलवे चयन बोर्ड या जिसे सामान्यत आरआरबी (RRB) भी कहा जाता है, को भारत में रेलवे कर्मियों को भर्ती, प्रशिक्षण, वेरिफिकेशन एवं अंतिम चयन के प्रक्रिया की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। रेलवे चयन बोर्ड (Railway Recruitment Board) द्वारा ही प्रतिवर्ष रेलवे विभाग के अंतर्गत विभिन पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया जारी की जाती है जिसमे रेलवे ड्राइवर या लोको पायलट के पदों के लिए भी आवेदन आमंत्रित किए जाते है।

रेलवे ड्राइवर बनने के लिए कैंडिडेट को रेलवे चयन बोर्ड (RRB) द्वारा आयोजित की जाने वाली लिखित परीक्षा को पास करना आवश्यक होता है। इसके पश्चात मेडिकल टेस्ट एवं मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण पूर्ण करने के पश्चात RRB द्वारा सफल कैंडिडेट की सूची जारी कर दी जाती है। मेरिट लिस्ट में चयनित कैंडिडेट को रेलवे बोर्ड द्वारा प्रशिक्षण के पश्चात लोको पायलट के पदों पर नियुक्ति प्रदान की जाती है।

रेलवे ड्राइवर बनने के लिए आवश्यक कौशल

रेलवे ड्राइवर का कार्य अत्यधिक जिम्मेदारी एवं मानसिक दक्षता वाला होता है जहाँ लोको पायलट के कंधो पर हजारों लोगो को सुरक्षित गंतव्य पर पहुँचाने की जिम्मेदारी होती है। जैसे की कहा जाता है की “नजर हटी दुर्घटना घटी” ऐसे में लोको पायलट की एक छोटी सी चूक हजारो यात्रियों की जान को संकट डाल सकती है। ऐसे में सजगता लोको पायलट बनने हेतु सबसे महत्वपूर्ण एवं आवश्यक गुण है। इसके अतिरिक्त रेलवे ड्राइवर बनने के लिए कैंडिडेट का निम्न आवश्यक कौशलों से युक्त होना आवश्यक है :-

  • रेलवे ड्राइवर बनने के लिए कैंडिडेट का शारीरिक एवं मानसिक रूप से मजबूत होना आवश्यक है तभी वह अपने कर्त्तव्य का सफलतापूर्वक निर्वहन कर सकता है।
  • कैंडिडेट में तार्किक एवं वैज्ञानिक दृष्टि से सोचने की योग्यता का होना आवश्यक है तभी वह कठिन परिस्थितियों में सही निर्णय का चुनाव कर सकता है।
  • लोको पायलट पद पर चयन हेतु कैंडिडेट को सजग एवं सक्रिय होना आवश्यक है जिससे ट्रेन के संचालन में वह अपनी कार्यकुशलता का परिचय दे सके।
  • रेल के सफल संचालन हेतु कैंडिडेट को तकनीकी कौशल से भी परिचित होना आवश्यक है ताकि सिस्टम के अपडेट होने पर वह आसानी से परिस्थिति के अनुसार स्वयं को समायोजित कर सके।

रेलवे ड्राइवर बनने हेतु आवश्यक योग्यताएँ

रेलवे ड्राइवर बनने हेतु किसी भी कैंडिडेट को निम्न योग्यताओं को पूर्ण करना आवश्यक है :-

  • रेलवे ड्राइवर या लोको पायलट के पदों पर आवेदन करने हेतु कैंडिडेट का भारत का स्थायी निवासी होना आवश्यक है।
  • रेलवे में लोको पायलट बनने के लिए कैंडिडेट हेतु न्यूनतम आयु 18 वर्ष रखी गयी है। हालाँकि अधिकतम 28 वर्ष के कैंडिडेट इन पदों हेतु आवेदन कर सकते है। (आरक्षित वर्ग से आने वाले कैंडिडेट को नियमानुसार छूट प्रदान की जाती है)
  • रेलवे पायलट के पदों पर चयन हेतु कैंडिडेट का मेडिकली फिट होना अनिवार्य है। साथ ही वह शारीरिक रूप से भी अपने दायित्वों का निर्वहन करने में सक्षम होना चाहिए।

लोको पायलट हेतु शैक्षिक योग्यताएँ

  • लोको पायलट बनने के लिए कैंडिडेट का न्यूनतम 10वीं उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
  • लोको पायलट के पदों पर आवेदन करने हेतु कैंडिडेट को NCVT या SCVT द्वारा प्रमाणित संस्थान से दो वर्षीय आईटीआई (ITI) सर्टिफिकेट कोर्स करना अनिवार्य है।
  • कैंडिडेट को ACT अप्रेंटिसशिप में प्रशिक्षित होना आवश्यक है।
  • यदि कैंडिडेट आईटीआई (ITI) डिग्री प्राप्त नहीं है तो इस स्थिति में कैंडिडेट के पास इंजीनियरिंग में डिप्लोमा होना आवश्यक है।

ये है रेलवे ड्राइवर को चयन प्रक्रिया

रेलवे ड्राइवर के पद पर चयनित होने के लिए कैंडिडेट को निम्न प्रक्रियाओं से गुजरना अनिवार्य होता है तभी वह लोको पायलट के पद पर अपनी सेवाएँ दे सकते है। यहाँ आपको सभी सम्बंधित स्टेप्स के बारे में जानकारी प्रदान की गयी है :-

  • लिखित परीक्षा (Written test)- लोको पायलट के पदों के लिए कैंडिडेट को सर्वप्रथम रेलवे चयन बोर्ड (Railway Recruitment Board) द्वारा आयोजित की जाने वाली लिखित परीक्षा को पास करना होना। यह जानना आवश्यक है की यह परीक्षा दो चरणों में आयोजित की जाती है :-
    • सीबीटी-1 (CBT 1)- इसमें कैंडिडेट से सामान्यत 75 सवाल पूछे जाते है जिन्हें हल करने के लिए कैंडिडेट को एक घंटे का समय दिया जाता है।
    • सीबीटी-2 (CBT 2)- प्रथम चरण (सीबीटी-1) में सफल होने वाले कैंडिडेट को ही सीबीटी-2 में बैठने का अवसर दिया जाता है जो की निम्न दो चरणों में आयोजित किया जाता है :-
      • प्रथम भाग- कुल प्रश्नो की संख्या – 100 (समय-90 मिनट)
      • द्वितीय भाग- कुल प्रश्नो की संख्या- 75 (समय-60 मिनट)
    • कंप्यूटर आधारित ऑप्टीटयूड टेस्ट (Computer-Based Aptitude Test (CBAT)
  • मानसिक परिक्षण (Psycho Test)- लिखित परीक्षा एवं Computer-Based Aptitude Test (CBAT) टेस्ट को पास करने वाले कैंडिडेट को मानसिक परिक्षण (Psycho Test) हेतु आमंत्रित किया जाता है। चूँकि लोको पायलट का पद जिम्मेदारी द्वारा पद है ऐसे में कैंडिडेट का मानसिक रूप से स्वस्थ होना भी अनिवार्य है।
  • मेडिकल टेस्ट (Medical test)- लिखित एवं मानसिक स्वास्थ्य परिक्षण में सफल कैंडिडेट को मेडिकल टेस्ट के लिए बुलाया जाता है जहाँ कैंडिडेट के शरीर के सभी अंगो की जांच की जाती है। साथ ही मेडिकल टेस्ट में कैंडिडेट की आँखों का गहन परिक्षण किया जाता है। ऐसे में आवश्यक है की कैंडिडेट आँखों की अच्छे से जांच करवा ले। दृष्टि-दोष से युक्त कैंडिडेट को मेडिकल टेस्ट में किसी भी प्रकार की छूट प्रदान नहीं की जाती है।

सभी प्रक्रियाएँ पूरी होने के पश्चात कैंडिडेट को अंतिम चयन प्रक्रिया में शामिल कर दिया जाता है एवं उन्हें प्रशिक्षण के पश्चात रेलवे के विभिन पदों पर नियुक्ति प्रदान की जाती है जिसमें लोको पायलट का पद भी शामिल है। हालाँकि यह याद रखना आवश्यक है की रेलवे द्वारा समय-समय पर भर्ती प्रक्रिया के चरणों एवं सिलेबस में बदलाव किया जाता रहता है ऐसे में कैंडिडेट आवेदन करने से पूर्व सभी दिशा-निर्देशों को अच्छे से चेक कर ले। साथ ही सिलेबस का भी अच्छे से अध्ययन करने के पश्चात अपनी तैयारी शुरू करें।

भारत में एक ट्रेन चालक के वेतन से सम्बंधित अकसर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

भारतीय रेलवे का दुनिया में कौन सा स्थान है ?

भारतीय रेल नेटवर्क दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है।

रेल के ड्राइवर या रेल के चालक को क्या कहा जाता है ?

रेल के ड्राइवर या रेल के चालक को आधिकारिक रूप से लोको पायलट (Loco Pilot) या ट्रेन लोको पायलट (Train loco pilot) कहा जाता है।

भारत में एक ट्रेन चालक के वेतन कितना होता है ?

रेलवे चालक का वेतन प्रतिमाह 13,500 रुपए से शुरू होता है जिसमे विभिन प्रकार के भतो को मिलाने पर यह बहुत अधिक होता है। अनुभव बढ़ने पर लोको पायलट को एक लाख रुपए से भी अधिक सैलरी मिलती है।

रेल चालक बनने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी प्रदान करें ?

रेल चालक बनने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए ऊपर दिया गया आर्टिकल चेक करें। यहाँ आपको इस सम्बन्ध में सम्पूर्ण जानकारी प्रदान की गयी है।

लोको पायलट बनने के लिए आवश्यक योग्यताएँ क्या-क्या है ?

लोको पायलट बनने के लिए कैंडिडेट की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष होनी अनिवार्य है। साथ ही कैंडिडेट को 10वीं उत्तीर्ण होना एवं मान्यता प्राप्त संस्थान से आईटीआई की डिग्री या इंजीनियरिंग में डिप्लोमा होना आवश्यक है।

क्या महिलाएँ भी लोको पायलट पदों हेतु आवेदन कर सकती है ?

हाँ। महिलाएँ भी लोको पायलट पदों हेतु आवेदन कर सकती है।

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