आप सभी यह तो जानते ही हैं की भारत को विश्व का सबसे प्राचीन देश माना जाता हैं। भारत की संस्कृति को भी विश्व की सबसे प्राचीन संस्कृति भी माना जाता हैं। पूर्व समय में भारत के पास बहुत स्वर्ण और धन था। इसलिए भारत को पहले के समय में सोने की चिड़िया भी कहा जाता था। भारत में पहले के समय में लोग अलग अलग जगहों से यहाँ पर व्यापार करने के लिए आते थे। क्योंकि पहले के समय में भारत के पास बहुत अधिक धन व खजाना था तो इसलिए कई देशों की नजर भारत के ऊपर बनी रहती थी। तो दोस्तों क्या आप में से क्या कोई व्यक्ति यह जानता है की भारत की खोज किसने की थी ?
अगर नहीं तो आप निश्चिंत हो जाइये क्योंकि आज हम आपको इस लेख में यह बताने वाले हैं की Bharat Ki Khoj Kisne Ki और इससे सम्बंधित बहुत सी आवश्यक जानकारी के बारे में हम आपको आज इस लेख के जरिये बताने वाले हैं।तो अगर आप भी भारत के बारे में अधिक जानकरी प्राप्त करना चाहते हो तो उसके लिए आपको इस लेख को अंत तक एवं ध्यानपूर्वक पढ़ना होगा तो कृपया करके इसको अंत तक पढ़े
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भारत की खोज किसने की ?
हम सभी ने बचपन में इसके बारे में अवश्य ही पढ़ा है की भारत की खोज किसने की थी। दर असल भारत की खोज करने का श्रेय वास्को डी गामा जी को दिया जाता हैं। वास्को डी गमा ने भारत की खोज 20 मई 1498 ईस्वी में अपने जहाज सैन गेब्रियल और साओ राफयल के द्वारा की थी। वास्को डी गामा ने भारत की खोज अपने चार नाविकों के साथ की थी। वास्को डी गामा भारत समुद्र के जरिये पहुंचे थे तो वास्को डी गामा यूरोप से एशिया समुद्री रास्ते से पहुंचने वाआळे पहले व्यक्ति थे। इसलिए ही वास्को डी गामा को यूरोप से एशिया तक का रास्ता खोजने का श्रेय भी वास्को डी गामा को ही दिया जाता हैं। बताया यह भी जाता हैं की वास्को डी गामा ने भारत की खोज में अपनी यात्रा 8 जुलाई 1497 लिस्बन से प्रारम्भ की थी।
बताया यह भी जाता है की वास्को डी गामा ने भारत की खोज में अपनी यात्रा यूरोप से करीब चार समुद्री जहाज और 170 आदमी के साथ शुरू की थी। वास्को डी गामा भारत में सबसे पहले मोजाम्बिक, मोम्बासा, मालिन्दी होते हुए भारत के कालीकट बंदरगाह पहुंचे थे। जैसा की हमने आपको यह बताया की वास्को डी गामा ने भारत यात्रा की शुरुआत 170 आदमियों के साथ की थी परन्तु उनमे से बहुत से लोगो ने बीच रस्ते में स्कर्वी बिमारी हो जाने के कारण उन सभी की जान जा चुकी थी उनमे से केवल कुछ लोग ही भारत तक पहुंच पाए थे। वास्को डी गामा ने भारत की दो बार यात्रा की थी परन्तु तीसरी बार जब वह भारत से वापस यूरोप जा रहे थे तब मलेरिया बीमारी के कारण केरल के कोच्ची में उनकी मृत्यु हो गयी थी।
आज भी वास्को डी गामा की कब्र केरल के एक किले में है जो की कोच्ची के करीब ही स्थित हैं। वास्को डी गामा की मृत्यु 24 दिसंबर 1524 को हो गयी थी। बताया वास्को डी गामा को भारत पहुंचने के लिए उन्हें करीब 10 माह जितना समय लगा था और जब वह भारत से वापस यूरोप जा रहे थे तब उन्हें भारत से वापस जाने में 2 साल का समय लगा था।
Important Fact (महत्वपूर्ण तथ्य)
- भारत की खोज वास्को डी गामा ने 20 मई 1498 ईस्वी को की थी।
- वास्को डी गामा के जहाज का नाम सैन गेब्रियल और साओ राफयल था जिसके जरिए वे भारत आए थे।
- वास्को डी गामा ने भारत की खोज अपने चार नाविकों के साथ मिलकर की थी।
- वास्को डी गामा भारत समुद्र के जरिये पहुंचे थे तो वास्को डी गामा यूरोप से एशिया समुद्री रास्ते से पहुंचने वाआळे पहले व्यक्ति थे।
- वास्को डी गामा ने जब यूरोप से अपनी यात्रा शुरू की थी तब उनके साथ 170 लोग थे।
- वास्को डी गामा को भारत पहुँचने में 10 महीने का समय लगा था और वापस जाने में उन्हें 2 साल का समय लगा।
- वास्को डी गामा की मृत्यु 24 दिसंबर 1524 हो हुई।
भारत से सम्बंधित पूछे जाने वाले कुछ प्रश्न और उनके उत्तर
भारत की खोज करने वाले व्यक्ति का नाम वास्को दी गामा था।
वास्को डी गमा ने भारत की खोज 20 मई 1498 ईस्वी में की थी।
वास्को डी गामा को यूरोप से भारत पहुंचने में करीब 10 माह जितना समय लगा था परन्तु जब वह भारत से वापस जा रहे थे तो उन्हें वापस पहुंचने में करीब 2 साल तक का समय लगा था।
भारत को पुराने समय में सोने की चिड़ियाँ इसलिए कहा जाता था क्योंकि पहले के समय में भारत में बहुत धन एवं बहुत सा खजाना था यही कारण था की भारत को सोने की चिड़ियाँ कहा था।
वास्को डी गामा ने भारत की यात्रा दो बार की थी और जब वह तीसरी बार भारत की यात्रा कर रहे थे जब वह भारत से वापस यूरोप जा रहे थे तब मलेरिया बीमारी के कारण केरल के कोच्ची में उनकी मृत्यु हो गयी थी।
वास्को डी गामा ने भारत की यात्रा की शुरुआत भारत की खोज में अपनी यात्रा यूरोप से करीब चार समुद्री जहाज और 170 आदमी के साथ शुरू की थी। परन्तु उन सभी लोगों में से अधिकतर की मृत्यु सफर के दौरान स्कर्वी बीमारी होने के कारण सभी की मृत्यु हो गयी थी।
जिस जहाज की मदद से वास्को डी गामा ने भारत की यात्रा पूर्ण की थी उसका नाम है सैन गेब्रियल और साओ राफयल।