भारतवर्ष प्राचीन काल से ही महापुरुषों की जन्मभूमि रहा है। आधुनिक समय में भी जब देश औपनिवेशिक गुलामी में जकड़ा हुआ था ऐसे समय में वीरप्रसु भारतभूमि पर अनेक महापुरुषों ने जन्म लेकर इस देश को औपनिवेशिक गुलामी से मुक्त कराया। देश के स्वतंत्रता संग्राम में अपना अमूल्य योगदान देने वाले महापुरुषों का स्मरण करने के लिए देश में महापुरुषों के समाधि स्थलों का निर्माण किया गया है । महापुरुषों के समाधि स्थल देश के नागरिको को महापुरुषों के जीवनमूल्यों एवं आदर्शो का स्मरण कराते है साथ ही भारतवर्ष के निर्माण में महापुरुषों के योगदान के प्रति समर्पण भाव भी प्रकट करते है। आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको भारत के प्रमुख समाधि स्थल एवं संबंधित व्यक्ति (Pramukh Samadhi Sthal List) सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने वाले है।
प्रतियोगी परीक्षाओं में भी प्रायः समाधि स्थल एवं संबंधित व्यक्ति से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते है ऐसे में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए यह आर्टिकल उपयोगी रहने वाला है। देश के समाधि स्थल एवं संबंधित व्यक्तिों से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण बिन्दुओ को भी इस टॉपिक के माध्यम से कवर किया जायेगा।
भारत के प्रमुख समाधि स्थल एवं संबंधित व्यक्ति list
यहाँ आपको भारत के प्रमुख समाधि स्थल एवं संबंधित व्यक्ति सम्बंधित सूची (Bharat Ke Sabhi Mahan Hastiyon Ke Pramukh Samadhi Sthal List) प्रदान की गयी है :-
क्र.सं. | समाधि स्थल (Samadhi Sthal) | संबंधित व्यक्ति (Related personality) |
1. | राजघाट | महात्मा गांधी |
2. | शांतिवन | जवाहरलाल नेहरू |
3. | महाप्रयाण घाट | डॉ राजेंद्र प्रसाद |
4. | विजय घाट | लाल बहादुर शास्त्री |
5. | अभय घाट | मोरारजी देसाई |
6. | शक्ति स्थल | इंदिरा गांधी |
7. | किसान घाट | चौधरी चरण सिंह |
8. | वीर भूमि | राजीव गांधी |
9. | नारायण घाट | गुलजारी लाल नंदा |
10. | उदय भूमि | के आर नारायण |
11. | चैत्यभूमि | बी. आर. अंबेडकर |
12. | समता स्थल | जगजीवन राम |
13. | एकता स्थल | ज्ञानी जैल सिंह |
14. | राष्ट्रीय स्मृति स्थल, ‘सदैव अटल’ स्मृति स्थल | अटल बिहारी बाजपेयी |
15. | कर्मभूमि | शंकर दयाल शर्मा |
प्रमुख समाधि स्थल एवं संबंधित व्यक्ति (Pramukh Samadhi Sthal List)
यहाँ आपको देश के प्रमुख समाधि स्थल एवं संबंधित महापुरुषों के बारे में संक्षिप्त जानकारी प्रदान की गयी है :-
राजघाट (Raj Ghat)
- भारत के राष्ट्रपिता कहे जाने वाले महात्मा गाँधी का देश की आजादी में प्रमुख योगदान रहा है। भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उन्होंने विभिन अहिंसक आंदोलनों का नेतृत्व किया था। सत्याग्रह, अहिंसा एवं सत्य गाँधीजी के प्रमुख हथियार थे। भारत की आजादी के पश्चात 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे नामक हत्यारे द्वारा गांधीजी की गोली मारकर हत्या कर दी गयी। गाँधीजी की मृत्यु के पश्चात दिल्ली में यमुना नदी के तट पर उनके समाधि स्थल का निर्माण किया गया जिसे वर्तमान में राजघाट (Raj Ghat) के नाम से जाना जाता है।
शांतिवन (Shantivan)
- भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री एवं महान समाजवादी नेता जवाहरलाल नेहरू के समाधि स्थल को शांतिवन (Shantivan) के नाम से जाना जाता है। आजादी के आंदोलन में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने सक्रिय भूमिका निभायी थी। देश के प्रथम प्रधानमन्त्री बनने का गौरव भी पंडित जवारहलाल नेहरू को प्राप्त है। 27 मई 1964 को पंडित नेहरू का देहवसान हुआ था जिसे पश्चात उनकी स्मृति में शांतिवन की स्थापना की गयी थी।
विजय घाट (Vijay Ghat)
- जय-जवान जय-किसान का नारा देने वाले भारत के पूर्व प्रधानमन्त्री एवं महान राष्ट्रवादी नेता लाल-बहादुर शास्त्री की स्मृति में विजय घाट (Vijay Ghat) समाधि स्थल का निर्माण किया गया था। वर्ष 1965 के भारत-पाक युद्ध एवं देश में उत्पन खाद्यान संकट के मध्य लाल-बहादुर शास्त्री जी द्वारा अद्भुत नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया गया था। हालांकि यह याद रखना आवश्यक है की लाल-बहादुर शास्त्री ही देश के एकमात्र ऐसे प्रधानमन्त्री रहे है जिनका निधन 11 जनवरी 1966 को देश के बाहर ताशकंद (तत्कालीन सोवियत संघ) में हुआ था।
शक्ति स्थल (Shakti Sthal)
- भारत की प्रथम महिला प्रधानमन्त्री एवं अद्धभुत नेतृत्व क्षमता की धनी पूर्व प्रधानमन्त्री इंदिरा गाँधी के समाधि स्थल को शक्ति स्थल (Shakti Sthal) के नाम से जाना जाता है। वर्ष 1971 में भारत-पाक युद्ध में विजय एवं बांग्लादेश की आजादी में उनका प्रमुख योगदान रहा है। अपने दृढ नेतृत्व क्षमता के कारण इंदिरा गाँधी को आयरन लेडी के नाम से भी जाना जाता है।
वीर भूमि (Veer Bhumi)
- वीर भूमि (Veer Bhumi) भारत के पूर्व प्रधानमन्त्री श्री राजीव गाँधी जी का समाधि स्थल है। राजीव गाँधी का निधन 21 मई 1991 को तमिलनाडु राज्य के श्रीरामपेंदुर जिले में एक आत्मघाती बम विस्फोट में हुआ था।
चैत्यभूमि (Chaityabhoomi)
- दलितों के मसीहा एवं आधुनिक भारत के मनु के नाम से विख्यात डॉ. भीमराव अम्बेडकर के समाधि स्थल को चैत्यभूमि के नाम जाना जाता है। भारत में दलित आंदोलन के प्रणेता डॉ. भीमराव अम्बेडकर द्वारा दलितों की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए अनेक आंदोलनों का संचालन किया गया था। भारत के संविधान निर्माण में भी उन्हें प्रारूप समिति का अध्यक्ष बनाया गया था। भारतीय संविधान में उनके अतुल्य योगदान के कारण उन्हें आधुनिक भारत के मनु की उपाधि से भी विभूषित किया जाता है। 6 दिसंबर 1956 को डॉ. अम्बेडकर महाप्रयाण कर गए।
राष्ट्रीय स्मृति स्थल (Rashtriya Smriti Sthal)
- भारत के पूर्व प्रधानमन्त्री डॉ. अटल बिहारी वाजपेयी के समाधि स्थल को राष्ट्रीय स्मृति स्थल (Rashtriya Smriti Sthal) या ‘सदैव अटल’ स्मृति स्थल नाम दिया गया है। एक प्रखर वक्ता, कवि एवं कुशल राजनेता होने के कारण अटल जी का विपक्षी भी सम्मान करते थे। 16 अगस्त 2018 को अटल बिहारी वाजपेयी जी का निधन हो गया। उनके जन्मदिवस 25 दिसंबर के अवसर पर देश में सुशासन दिवस का आयोजन किया जाता है।
किसान घाट (Kisan Ghat)
- किसान घाट (Kisan Ghat) भारत के पूर्व किसान नेता चौधरी चरण सिंह को समर्पित समाधि स्थल है। किसान नेता के रूप में प्रसिद्ध चौधरी चरण सिंह द्वारा कृषको के हित के लिए विभिन योजनाएँ संचालित की गयी थी। चौधरी चरण सिंह के जन्मदिवस 23 दिसंबर को सम्पूर्ण देश में किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है।
भारत के प्रमुख समाधि स्थल एवं संबंधित व्यक्तिों से सम्बंधित अकसर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
महात्मा गाँधी के समाधि स्थल का नाम राजघाट (Raj Ghat) है। गाँधीजी की समाधि यमुना नदी के पश्चिमी किनारे पर स्थित है जहाँ गाँधीजी द्वारा अपने अंतिम समय में कहे गए “हे राम” शब्द को उद्धृत किया गया है।
शांतिवन (Shantivan) देश के प्रथम प्रधानमन्त्री एवं महान भारतीय राजनीतिज्ञ जवाहरलाल नेहरू का समाधि स्थल है।
देश के द्वितीय राष्ट्रपति एवं महान भारतीय नेता लाल बहादुर शास्त्री के समाधि स्थल को विजय घाट (Vijay Ghat) के नाम से जाना जाता है।
भारत की प्रथम महिला प्रधानमन्त्री श्रीमती इंदिरा गाँधी के समाधि स्थल को शक्ति स्थल के नाम से जाना जाता है।
महान कृषक नेता एवं सदैव कृषको के हित के लिए समर्पित चौधरी चरण सिंह के समाधि स्थल को किसान स्थल के नाम से जाना जाता है। यह नाम चौधरी चरण सिंह के कृषको के प्रति समर्पण भाव को प्रकट करता है।
भारत के पूर्व प्रधानमन्त्री राजीव गांधी के समाधि स्थल को वीर भूमि के नाम से जाना जाता है।
डॉ. भीमराव अम्बेडकर के समाधि स्थल को चैत्यभूमि के नाम से जाना जाता है।
पूर्व प्रधानमन्त्री अटल बिहारी बाजपेयी के समाधि स्थल को राष्ट्रीय स्मृति स्थल (Rashtriya Smriti Sthal) या सदैव अटल स्मृति स्थल के नाम से जाना जाता है।