Benefits of Eucalyptus: इस पेड़ से तेल और शहद बनाकर कर सकते है लाखों की कमाई,जानें इसके बिजनेस का तरीका

Benefits of Eucalyptus: दोस्तों जब भी हम बात करते हैं बिजनेस के लिए खेती की तो लोग ज्यादा तर फूलों या सब्जियों की खेती को बिजनेस के लिए एक बेहतर विकल्प मानते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं यूकेलिप्टस के पेड़ की जिसे हम सफेदे, गम या नीलगिरि के नाम से जानते है, इन पेड़ों की खेती करके भी आप लाखों की कमाई कर सकते हैं। यूकेलिप्टस पेड़ों को ज्यादातर इनकी लड़की के उपयोग के लिए जाना जाता है, मगर इस पेड़ में पाए जाने वाले बहुत से औषधीय गुण जो हमारे शरीर के लिए बेहद ही फायदेमंद पत्तियों से मिलने वाले तेल और फूलों से निकलने वाले शहद व्यवसाय के लिए बेहद ही लाभकारी होता है, जिसकी पहचान गोंडा जिले के वजीर गंज इलाके में रहने वाले अरुण पांडेय द्वारा की गई और अब वह इसके उपयोग से लोगों को स्वास्थ्य व समृद्ध बनने का काम कर रहे हैं।

Benefits-of-eucalyptus
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यूकेलिप्टस की कैसे की जाती है खेती

यूकेलिप्टस के पेड़ की खासियत (Benefits of Eucalyptus) से यह ना केवल अपनी लकड़ियों बल्कि इसकी पत्तियों और फूलों से मिलने वाले तेल व शहद भी खेती के काफी फायदेमंद व्यवसाय बनता जा रहा है। इन पेड़ों को उगाने के लिए अधिक देखभाल व जलवायु की आवश्यकता नहीं होती है, यह पेड़ कही भी और किसी भी मौसम में उगाये जा सकते हैं। इसके लिए पेड़ों की गहरी जुताई करने के बाद पाटा लगाकर समतल कर दिया जाता है। जिसके बाद इन पेड़ों की रोपाई के लिए गड्ढे तैयार कर उनमें गोबर की खाद भरकर उनकी सिंचाई की जाती है। अब इन पौधों को कम से कम 5-5 फेट की दूरी पर रूप कर उगाया जाता है। पौधे लगाने के बाद सामान्य मौसम में इन्हे एक महीने के अंतराल में पानी देना खेती के लिए सही माना जाता है।

इस पेड़ से तेल और शहद बनाकर कर सकते है लाखों की कमाई

यूकेलिप्टस पेड़ की खेती को लेकर अरुण पांडेय ने बताते हुए यह जानकारी दी की ज्यादातर यूकेलिप्टस का पेड़ पानी वाले जगह में उगते हैं, लेकिन इनके हाइब्रिड पौधों को बड़ा होने के लिए अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती, ज्यादा पानी मिलने से यह खराब भी हो सकते हैं, इस पौधे की यही खासियत इसे पर्यायवरण व्यवसाय के लिए बेहद ही फायदेमंद बनाती है। जिस पर अरुण पांडेय में तेल की पत्तियों से निकलने वाले तेल के बारे में बताते हुए कहा की उन्होंने तेल निकालने के लिए पैंट लगवाया, जिससे वह पेड़ की लंबी और नुकीली पत्तियों के सतह पर पाई जाने वाली गांठों से निकलने वाले तेल से साल में 50 से 60 क्विंटल तेल निकाल लेते हैं, जिसे बेचकर वह लाखों की कमाई कर रहें हैं।

इस पेड़ पर पत्तियों के अलावा लगने वाले फूलों के बारे में केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीमैप) के वैज्ञानिक राजेश वर्मा द्वारा दी गई जानकारी में बताते हुए कहा की यूकेलिप्टस की कई तरह की प्रजाति जैसे यूकेलिप्टस ग्लोब्यूलस और अन्य प्रजातियाँ, जिनकी उचाई बढ़ने नहीं दी जाती, जिनसे दवाइयाँ या रिलीफ पेन और फूलों से इसका शहद बनाकर बेहतर कमाई की जाती है।

गोंडा के युवा ने 2018 में शुरू किया यूकेलिप्टस बिजनेस

वीरगंज के परसहवा के निवासी अरुण कुमार पांडेय ने यूकेलिप्टस के पौधे से तेल व शहद निकालने के बिजनेस की शुरुआत 2018 में की, उन्होंने दिल्ली युनिवेर्सिटी से ग्रेजुएशन के बाद आईएसी की तैयारी करना शुरू किया इसके साथ ही उन्हें दूसरी तरफ यूकेलिप्टस से तेल व शहद निकालने के बिजनेस को आजमाया, जिसके बाद उनका बिजनेस की में उन्हें काफी फायदा हुआ और इस बिजनेस से उनकी लगभग 50 लाख रूपये तक की कमाई हुई इसके साथ ही उन्होंने बहुत से लोगों को रोजगार भी दिया। इस बिजनेस के बारे में बताते हुए उन्होंने खा की वह अभी तक 50 हजार से अधिक पेड़ लगा चुके हैं, इसके लिए वह केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीमैप) में प्रशिक्षण भी ले चुके हैं। इस पेड़ की पत्तियों से तेल निकालने के बारे में उन्होंने बताया की वह पत्तियों को टैंकर में डालकर हीट करते हैं, जिससे तेल और भाप साथ निकलता है, जिसके बाद सेपरेटर में तेल और पानी अलग हो जाता है। जिसके बाद तेल को पतंजलि या डाबर जैसे कंपनियों में सप्लाई किया जाता है।

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