कृत्रिम बुद्धिमत्ता क्या है व इसके मानव जीवन पर प्रभाव |Artificial Intelligence, Definition, benefits, risk in Hindi

तो दोस्तों जैसा की आप सभी जानते हैं की आज के समय में विज्ञान कितना आगे बढ़ चूका हैं। इंसानों ने विज्ञान की मदद से बहुत सी ऐसी चीजों को मुमकिन कर दिखाया है जो की नामुमकिन थी। विज्ञान के क्षेत्र में इंसान आज के समय में इतना आगे बढ़ चूका हैं की वह पृथ्वी से बहार यानि दूसरे ग्रहों तक भी पहुंच चुका है और भी ऐसी छूट सी चीजें हैं जिसका अविष्कार इंसानों द्वारा हुआ हैं जैसे की – मोबाइल, कंप्यूटर, राकेट, रोबोट, गाड़ियां आदि ऐसी और भी बहुत सी चीजें हैं और इन सभी चीजों की मदद से इंसानों का जीवन पहले के मुक़ाबले काफी आसान हो चूका हैं और आज के समय में इंसान इन सभी चीजों के बिना इंसान अपने जीवन जीना सोच भी नहीं सकता हैं ऐसी एक चीज का अविष्कार भी इंसानों द्वारा हुआ हैं जिसका नाम हैं कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानि के Artificial Intelligence तो क्या आप Artificial Intelligence के बारे में जानते अगर नहीं तो आप निश्चिन्त हो जाइये क्योंकि

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Artificial Intelligence क्या है ?
Artificial Intelligence kya hain ?

आज हमने आप सभी को कृत्रिम बुद्धिमत्ता के बारे में इस लेख में बहुत सी आवश्यक जानकरी प्रदान की हैं हैं जैसे की – कृत्रिम बुद्धिमत्ता क्या हैं ?,इसके लाभ व हानि आदि के बारे में इस लेख में बताया हैं। तो दोस्तों अगर आप भी Artificial Intelligence के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको हमारे इस लेख को अंत तक ध्यानपूर्वक पढ़ना होगा तब ही आप इसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त कर सकेंगे

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कृत्रिम बुद्धिमत्ता क्या है | What is Artificial Intelligence

कृत्रिम बुद्धिमत्ता का अर्थ है -इंसानों द्वारा बनायीं गयी बौद्धिक क्षमता यह एक ऐसी चीज हैं जिसकी मदद से कम्प्यूटर्स और रोबोट्स इंसानी दिमाग को समझ सकें और सही गलत के बीच में अंतर भी समझ सकें और उनमे में क्या सही और क्या गलत हैं इसका फैसला भी कर सकें और जो कार्य इंसानों द्वारा होते हैं उनको भी कर आसानी से कर सकें। अगर आसान भाषा में कहा जाएँ तो इसका मतलब यह है की इस प्रक्रिया की मदद से मशीनों और कंप्यूटर को और भी अधिक बुद्धिमान बनाने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। ताकि वह इंसानों की भावना को भी समझ सकें।

आने वाले समय में Artificial Intelligence बहुत ही अधिक बुद्धिमान होने वाला हैं। आने वाले समय में Artificial Intelligence इंसानो की जगह ले लेगा और जो कार्य इंसानों द्वारा किये जाते हैं वह कार्य भी कंप्यूटर व मशीनों द्वारा किये जाएंगे। Artificial Intelligence की मदद से कंप्यूटर में ऐसे गुण डाले जायेंगे की वह हर किसी चीज के पीछे का तर्क पता कर सकें। कृत्रिम बुद्धिमत्ता में बहुत सी चीजें डाली जाएंगी जैसे की Learning Algorithms, Recognition, Problem-Solving, Language, Logical Reasoning, Digital Data Processing, Bioinformatics .इन सभी चीजों की मदद से सभी कंप्यूटर इंसानों के मुक़ाबले हर चीज बेहतर कर सकेगा और जहाँ पर इंसानों की बुद्धि की आवश्यकता होती हैं वाहन पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता कार्य करेगा।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता की आसान परिभाषा – आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मशीनों, विशेष रूप से कंप्यूटर सिस्टम द्वारा मानव खुफिया प्रक्रियाओं का अनुकरण है। एआई के विशिष्ट अनुप्रयोगों में विशेषज्ञ प्रणाली, प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण, वाक् पहचान और मशीन दृष्टि शामिल हैं।

Artificial Intelligence (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) के कुछ उदहारण – इसका उदहारण यह है की आप सभी ने ऐसी गाड़ियों के बारे में तो सुना ही होगा जो खुद से चलती हैं यानि के उन गाड़ियों को मनुष्य की आवश्यकता नहीं वह खुद से चलती हैं जैसे की – टेस्ला कंपनी की कार आटोमेटिक हैं और एयरोप्लेन भी इसका एक उदहारण हैं क्योंकि कई बार हवाईजहाज भी खुद से चलता हैं उसके अंदर एक फंक्शन होता है जिसकी मदद से वह खुद ही कण्ट्रोल होता हैं। यह सभी कार्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता की वजह से ही मुमकिन हो सकें है। आने वाले समय यह और भी अधिक विकसित हो जायेगी और यह और भी ऐसे कार्य करने में सक्षम होगी जो कार्य इंसान भी नहीं कर सकती हैं।

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Artificial Intelligence का आविष्कार

Artificial Intelligence का आविष्कार किसी एक व्यक्ति के द्वारा नहीं किया गया हैं आज भी इसके अंदर कुछ न कुछ नए फंक्शन डाले जा रहे हैं परन्तु जॉन मैकार्थी को कृत्रिम बुद्धिमत्ता का जनक माना जाता हैं क्योंकि artificial intelligence के संस्थापक जॉन मैकार्थी ही थे। जॉन मैकार्थी ने मार्विन मिन्स्की, हर्बर्ट साइमन और एलेन नेवेल के साथ मिलकर कृत्रिम बुद्धिमत्ता अनुसन्धान की स्थापना की थी। जॉन मैकार्थी ने इसपर 1955 में खोज शुरू कर दी थी। 1955 में ही जॉन मैकार्थी के द्वारा ही इसको कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानि के artificial intelligence का नाम दे दिया गया था। कृत्रिम बुद्धिमत्ता शब्द का जिक्र 1956 में जॉन मैकार्थी के द्वारा डार्टमाउथ कॉलेज में आयोजित एक कार्यशाला के दौरान किया गया था।

सन 1956 में जॉन मैकार्थी के द्वारा ही डार्टमाउथ कॉलेज में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के ऊपर एक ऊपर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया था। उसी समय इसपर कुछ आवश्यक चर्चा की गयी थी और इसको बेहतर बनाने के लिए बातचीत की गयी थी। उसके बाद ही आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस के ऊपर प्रयोग करना शुरू हुआ था और तक इसमें कुछ न कुछ बदलाव किये जा रहे हैं और इसको और भी बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा हैं। लेकिन इसको सबसे पहले बेहतर बनाने का प्रयास भी जॉन मैकार्थी के द्वारा ही किया गया था। परन्तु उस समय इसका उतना विकास नहीं हो पाया था लेकिन आज के समय में इसका बहुत विकास हो चूका हैं।

आज के समय में कृत्रिम बुद्धिमत्ता में उन्नत एल्गोरिदम, कंप्यूटिंग पावर, स्टोरेज में सुधार की वजह से बहुत से बदलाव आ चुके हैं और यह पहले के मुक़ाबले काफी हद ता बेहतर हो चूका हैं और इसको कामयाब बनाया जा चूका हैं। आज के समय में इसको और भी बेहतर बनाने में  सांख्यिकीय विधियों, कम्प्यूटेशनल बुद्धि और पारंपरिक खुफिया भी शामिल हैं।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता के प्रकार

तो दोस्तों बुद्धिमत्ता के चार प्रकार होते हैं जिनके बार में आज हम आपको यहाँ पर बताने वाले हैं तो कृपया करके इसको ध्यानपूर्बवक पढ़े। Artificial Intelligence के चार प्रकारों के नाम कुछ इस प्रकार हैं –

  • प्रतिक्रियाशील मशीनें (REACTIVE MACHINES)
  • सीमित मेमोरी (Limited Memory)
  • मस्तिष्क का सिद्धांत (THEORY OF MIND)
  • आत्म जागरूकता (SELF-AWARENESS)
  1. प्रतिक्रियाशील मशीनें (REACTIVE MACHINES)प्रतिक्रियाशील मशीनें प्रकार की मशीनों को जो भी कार्य दिए जाते हैं वह मशीन केवल उसी कार्य को करने में सक्षम होती हैं जिन कार्य को आप उन्हें करने को बोलते हैं वह कोई वह कोई और कार्य करने में असमर्थ होती हैं। जिनका उदहारण हैं Deep Blue, IBM’s chess-playing supercomputer यह सब मशीन केवल खेलने के ही कार्य कर सकती हैं अगर इनको कोई कार्य दिया जाए तो यह उन्हें करने में असमर्थ होंगी। इस प्रकार की मशीन केवल एक ही प्रकार का व्यव्हार बार बार करती हैं।
  2. सीमित मेमोरी (Limited Memory)सीमित मेमोरी प्रकार की मशीनों कार्य करने से पहले एक बार observation यानि के महसूस करती हैं और फिर कार्य करती हैं। इस प्रकार की मशीनों में जो भी प्रोग्राम डाले जाते हैं वह कार्य करने से पहले एक बार पहले महसूस करती हैं। इसका एक उदहारण हैं आटोमेटिक कार। आटोमेटिक कार में जो भी प्रोग्राम डाले जाते हैं वह उसको करने से पहले आस पास की चीजों को महसूस करती हैं और फिर उसके बाद वह कार्य करती हैं।
  3. मस्तिष्क का सिद्धांत (THEORY OF MIND) – जैसा की हमने आपको बताया था की मशीनों के अंदर भावनाएं नहीं होती हैं। लेकिन आने वाले कुछ समय के बाद मशीनों में ऐसा प्रोग्राम डाला जाएगा जिसकी वजह से वह मशीन इंसानों की भावनाये समझ सकेगी और अगर ऐसा हो जाएगा तो उसके बहुत से फायदे होंगे और आने वाले समय में इस प्रकार की मशीनों की मांग बढ़ने लगेंगी।
  4. आत्म जागरूकता (SELF-AWARENESS) – वर्तमान समय में इस प्रकार की कोई भी मशीन मौजूद नहीं है परन्तु इस प्रकार की मशीन बनाने के प्रयास जारी हैं। इस प्रकार की मशीनों में भावनाएं डालने का प्रयास जारी हैं जिसकी मदद से मशीन कोई भी कार्य करने से पहले एक बार सोचेगी की यह कार्य सही है या नहीं यानि के उसके अंदर सोचने की सोचने की क्षमता होगी। इस प्रकार की मशीनें लोगो की भावनाओं को समझ सकेगी और अपनी भावना को दर्शा भी सकेगी। जिस दिन यह सम्बह्व हो गया उस दिन सम्ह्ज लेना की विज्ञान बहुत ही आगे बढ़ चूका हैं।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता के प्रभाव

तो दोस्तों जैसा की आप सभी जानते हैं की हर किसी चीज के कुछ न कुछ प्रभाव होते हैं तो ऐसे ही artificial intelligence के भी कुछ सकारात्मक और कुछ नकारात्मक प्रभाव भी हैं जिनके बारे में हम आपको यहाँ पर बताने वाले हैं की कृत्रिम बुद्धिमत्ता के सकारत्मक प्रभाव क्या ही और इसके नकारात्मक प्रभाव क्या हैं तो कृपया इसको पूर्ण पढ़े ताकि आप भी इस प्रकार की जानकारी प्राप्त कर सकें

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कृत्रिम बुद्धिमत्ता के नकारात्मक प्रभाव

तो दोस्तों आज हम आपको यहाँ पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता की कुछ नकारात्मक प्रभाव के बारे में बताने वाले हैं क्योंकि हर किसी चीज के नकारात्मक पराभव भी होते ही हैं। तो कृपया इनको ध्यान से पढ़े

  1. नौकरियों का अभाव (lack of jobs)Artificial Intelligence की वजह से नौकरियों का अभाव इसलिए पढ़ेगा क्योंकि जैसा की हमने आपको बताया है की कृत्रिम बुद्धिमत्ता इतनी बेहतर है की वह इंसानो के दिमाग से भी बेहतर कार्य करती हैं तो फिर आने वाले समय में लोग कार्य करने के लिए इंसानों के बदले मशीनों के द्वारा कार्य करवाएंगे और अगर इसी प्रकार से मशीन कार्य करेंगी तो जो नौकरी इंसान करते थे वह मशीन करेंगी और इसी प्रकार से नौकरियों का अभाव होगा।
  2. मशीनों पर निर्भर होना (depend on machines)- जैसा की आप सभी को हमने बताया है की मशीनें सभी कार्य खुद से करेंगी तो लोग खुद से कार्य न करके मशीनों की मदद से करेंगे और वह मशीनों पर निर्भर रहने लगेंगे और खुद आलसी हो जाएंगे। क्योंकि मशीन कार्य खुद से करेगी तो इंसान को दिमाग का प्रयोग करने की कोई आवश्यकता नहीं रहेगी और जल्द से जल्द कार्य करवाने के लिए भी वह मशीनों का प्रयोग करेंगे और खुद कुछ भी नहीं करेंगे। जिसका मतलब यह है की इंसान मशीनों पर अधिक निर्भर रहेंगे।
  3. अगली पीड़ी पर बुरा असर (bad effect on the next generation)- कृत्रिम बुद्धिमत्ता की वजह से अगली पीड़ी पर भी बहुत बुरा असर पढ़ेगा क्योंकि आने वाली पीड़ी भी सभी मशीनों का अधिक प्रयोग करेगी और जैसे की आज के समय में बच्चे विद्यालय में कॉपी व किताब का प्रयोग करते हैं फिर वह कॉपी व किताब का प्रयोग काम करेंगे और उसके लिए भी मोबाइल का उपयोग करेंगे जिसकी वजह से अगली पीड़ी पर भी गलत असर पढ़ेगा और वह पीड़ी भी मशीनों पर ही निर्भर रहेगी।
  4. महंगी मशीनें – तो जैसा की आप सभी जानते हैं की यह मशीनें काफी विकसित हैं ताकि यह मशीन कार्य खुद से कर सकें तो इसका मतलब यह है की जितनी विकसित मशीनें होंगी उतनी ही महंगी भी होंगी तो हर कोई व्यक्ति इन मशीनों को खरीदने में असमर्थ होगा। केवल वह ही व्यक्ति इसको खरीद सकेंगे जिनके पास पैसे की कमी न हो। जिसकी वजह से गरीब लोग इन सभी सुविधाओं से वंचित रहेंगे।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता के सकारात्मक प्रभाव

तो दोस्तों जैसा की आप सभी जानते हैं की कृत्रिम बुद्धिमत्ता काफी विकसित हो चुकी जिससे की लोगो को बहुत से फायदे होंगे और इसके बहुत सकारात्मक प्रभाव भी होंगे जिनके बारे में हम आपको यहाँ पर बताने वाले है की Artificial Intelligence से क्या अच्छे प्रभाव पढ़ते हैं

  1. बिना थके कार्य करना (work tirelessly)- जैसा की आप सभी जानते है जब कोई भी इंसान कार्य करता है तो कुछ समय के बाद वह इंसान थक जाता है और उसको आराम की आवश्यकता होती है लेकिन यह मशीन कभी थकती नहीं है यह लगातार कार्य करने में सक्षम हैं। इंसान जब कोई कार्य करता हैं तो रेह केवल 8 घंटे तक कार्य करता है परन्तु ऐसा मशीनों के साथ नहीं है मशीन बिना रुके कार्य करती रहती हैं।
  2. सही निर्णय लेना (making right decisions) – जैसा की आप सभी को पता होगा की कृत्रिम बुद्धिमत्ता को किसी भी कंप्यूटर या फिर रोबोट के अंदर डाला जाता हैं और आपको यह भी पता होगा की Artificial Intelligence में कोई भी भावनाये यानि के फीलिंग्स नहीं होती हैं तो उसको आप भी जो भी कार्य दोगे वह उसी को करेगा बिना कुछ सोचे की वह सही है या गलत। लेकिन आने वाले समय में ऐसा भी हो सकता है की Artificial Intelligence के अंदर भावनाये भी डाली जाएँ
  3. कठिन कार्य के इस्तेमाल के लिए (For hard work use) – आप सभी यह तो जानते ही होंगे की बहुत से कार्य ऐसे होते हैं जिनको इंसानों द्वारा किया तो जा सकता है परन्तु इंसानों के लिए वह कार्य बहुत ही खतरनाक होता है तो उन सभी कार्य को मशीनों द्वारा भी किया जा सकता हैं। मशीनों के लिए वह कार्य इतना मुश्किल नहीं होगा जितना की इंसानों के लिए हैं।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता से सम्बंधित कुछ प्रश्न व उनके उत्तर
कृत्रिम बुद्धिमत्ता क्या हैं ?

कृत्रिम बुद्धिमत्ता का अर्थ है -इंसानों द्वारा बनायीं गयी बौद्धिक क्षमता यह एक ऐसी चीज हैं जिसकी मदद से कम्प्यूटर्स और रोबोट्स इंसानी दिमाग को समझ सकें और सही गलत के बीच में अंतर भी समझ सकें और उनमे में क्या सही और क्या गलत हैं इसका फैसला भी कर सकें और जो कार्य इंसानों द्वारा होते हैं उनको भी कर आसानी से कर सकें।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता के कितने प्रकार होते हैं ?

कृत्रिम बुद्धिमत्ता के चार प्रकार होते हैं
1.प्रतिक्रियाशील मशीनें (REACTIVE MACHINES)
2.सीमित मेमोरी (Limited Memory)
3.मस्तिष्क का सिद्धांत (THEORY OF MIND)
4.आत्म जागरूकता (SELF-AWARENESS)

कृत्रिम बुद्धिमत्ता को इंग्लिश में क्या कहते हैं ?

कृत्रिम बुद्धिमत्ता को इंग्लिश में Artificial Intelligence कहते हैं। जिसको AI भी कहा जाता हैं।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानि के कृत्रिम बुद्धिमत्ता क्या हैं ? के जनक किसको कहा जाता हैं ?

कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानि के Artificial Intelligence के जनक जॉन मैकार्थी को कहा जाता हैं।

क्या आज के समय में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के बारे में पढाई भी की जाती हैं ?

जी हाँ आज के समय में कृत्रिम बुद्धिमता से आप स्नातक की डिग्री भी प्राप्त कर सकते हो। भारत में भी कई ऐसे कॉलेज हैं जो की इसकी स्नातक की डिग्री प्रदान करता हैं। इसकी स्नातक की डिग्री प्राप्त करने की अवधी 4 वर्ष की होती हैं।

तो दोस्तों आज हमने आपको इस लेख में कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानि के Artificial Intelligence के बारे में बहुत सी आवश्यक जानकारी प्रदान की हैं तो अगर आपको हमारा यह लेख पसंद आया हो तो कृपया करके हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट करके अवश्य बताये और अगर आपको इससे सम्बंधित कोई परेशानी या प्रश्न है तो उसके लिए भी आप हमको कमेंट करके पूछ सकते है हम जितनी जल्दी हो सकें आपकी समस्या का हल ढूंढ़ने का प्रयास करेंगे

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