दोस्तों जैसा की आप सभी जानते है की भारत देश का संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान है। हमारे देश के संविधान को बनाने के लिए करीब 2 साल 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था। लेकिन क्या आप सभी यह जानते है की हमारे देश का संविधान लिखा किसके द्वारा गया है। अगर आप नहीं जानते है तो आप सभी को यह बतादे की हमारे देश का संविधान डॉ भीमराव अंबेडकर जी के द्वारा लिखा गया था। डॉ भीमराव आंबेडकर एक समाज सुधारक थे। इनका पूर्ण जीवन काफी संघर्षपूर्ण रहा है। यह हमेशा पिछड़े वर्ग के लोगो की समानता के लिए काफी संघर्ष किये है। ताकि पिछड़े वर्ग के लोगो को भी समानता मिल सकें। अंबेडकर जी काफी महान व्यक्ति थे इसलिए हर वर्ष Ambedkar Jayanti मनाई जाती है। तो दोस्तों क्या आप यह जानते ही की Ambedkar Jayanti 2023 कब मनाई जायेगी ?
अगर आप भी इससे अपरिचित है की अंबेडकर जयंती 2023 कब मनाई जायेगी। तो अगर आप भी इसके बारे में जानना चाहते है। तो आपको उसके लिए इस पोस्ट को पूर्ण रूप से पढ़ना होगा। क्योंकि इस पोस्ट में ही हमने यह Ambedkar Jayanti 2023 के बारे में बहुत सी जानकारी प्रदान की हुई है। जैसे की – अंबेडकर जयंती कब मनाई जायेगी, इसका इतिहास व महत्त्व आदि जैसी जानकारी प्रदान की हुई है। जिसको पढ़ने से ही आप इसके बारे में जान सकोगे। इसलिए दोस्तों कृपया करके हमारे इस पोस्ट को अंत तक ध्यानपूर्वक पढ़े व इससे सम्बंधित जानकारी प्राप्त करें।
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Ambedkar Jayanti 2023
तो दोस्तों आप सभी को यह बतादे की हर वर्ष Ambedkar Jayanti 14 अप्रैल को मनाई जाती है। आपको बतादे की डॉ भीमराव अंबेडकर जी को बाबासाहेब अंबेडकर के नाम से भी जाना जाता है। अंबेडकर जी का जन्म सन 1891 में 14 अप्रैल को हुआ था। इसलिए इन्ही के जन्मदिन के हर वर्ष अंबेडकर जयंती मनाई जाती है। भारत के संविधान बनाने में उनका पूर्ण योगदान रहा था। इसलिए उनके योदान के ल,लिए और उनको श्रद्धांजलि देने के लिए ही हर वर्ष 14 अप्रैल को अंबडेकर जयंती के रूप में मनाई जाती है। जैसा की हमने आप सभी को यह बताया है की अंबेडकर जी का जीवन काफी संघर्ष भरा रहा है।
उन्होंने हमेशा ही पिछड़े वर्ग के लोगो के हक़ के लिए और उन सभी को समानता दिलाने का पूर्ण प्रयास किया था। इसलिए आज के समय में संविधान के अनुसार भारत के सभी नागरिकों को एक सामान माना जाता है। डॉ भीमराव अंबेडकर जी एक राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री, दार्शनिक, मानवविज्ञानी और समाज सुधारक थे। जिन्होंने हमेशा जातिवाद के खिलाफ आवाज उठायी थी। ताकि दलितों को भी उनका हक़ मिल सकें। डॉ भीमराव अंबेडकर ने हमेशा ही शिक्षा के जरिये दलितों, पिछड़े वर्ग के लोगो एवं महिलाओं को सशक्त बनाना चाहा है।
अंबेडकर जयंती का इतिहास | Ambedkar Jayanti History
आप सभी को यह बतादे की जनार्दन सदाशिव रणपिसे एक सामाजिक कार्यकर्त्ता थे एवं यह भी अंबेडकर जी के अनुयायी थे। इन्ही के द्वारा Ambedkar Jayanti मानाने की शुरुआत की गयी थी। इन्होने सर्वप्रथम 14 अप्रैल, 1928 को पुणे में भीमराव अंबेडकर जयंती मनाने की शुरुआत की थी। जब से जनार्दन सदाशिव रणपिसे ने अंबेडकर जयंती मनाने की शुरुआत की थी। तब ही से हर वर्ष 14 अप्रैल के दिन अंबेडकर जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भारत देश में सार्वजानिक अवकाश भी रहता है।
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Ambedkar Jayanti 2023 महत्त्व
जैसा की आप सभी जानते है की अंबेडकर जी ने हमेशा ही हमारे देश से असमानता को खत्म करने का प्रयास किया है। उन्होंने हमेशा ही दलितों एवं महिलाओं को सामान अधिकार दिलाने का प्रयास किया है। इसलिए हर वर्ष इस दिन बाबासाहेब की जयंती को इसलिए मनाते है ताकि देश के प्रति बाबासाहेब के योगदान को याद किया जा सकें। बाबासाहेब के द्वारा भारत का ऐसा संविधान बनाया गया है। जिसके अंतर्गत देश के सभी जाति, पंथ, धर्म, नस्ल एवं संस्कृति के नागरिकों को एक सामान अधिकार देने का हक़ प्रदान करता है।
आप सभी यह तो जानते होंगेकी पहले के समय में भारत में काफी जातिवाद एवं छुआ छूत को माना जाता था। इसलिए अछूत लोगो को शिक्षा प्राप्त करने की या फिर किसी भी मंदिरो में जाने पर पाबंधी थी। जिसके लिए बाबासाहेब ने काफी संघर्ष एवं आंदोलन किये ताकि पिछड़े वर्ग के लोगो को एवं दलितों को भी सामान अधिकार मिल सकें। ताकि उनपर भी मंदिरों में जाने पर कोई भी रोक टोक न हो। दलितों की शिक्षा के लिए बाबासाहेब ने एक सभा का गठन भी किया था जिसका नाम केंद्रीय संस्था बहिष्कृत हितकारिणी सभा था। जिसके बाद देश में काफी सुधार आया और लोग जातिवाद को कम महत्त्व देने लगे और सभी को एक सामान अधिकार मिलने लगा।
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डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर जयंती कैसे मनाई जाती है?
आप सभी को यह बतादे की हर वर्ष भीमराव अंबेडकर जयंती बड़े ही धूम धाम के साथ मनाई जाती है। बल्कि देश के कई हिस्सों में तो भीमराव जी की जयंती के उपलक्ष में जुलूस भी निकाला जाता है। इसके साथ साथ देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति जी केद्वारा उनको श्रद्धांजलि भी दी जाती है। केवल यह ही नहीं इस दिन देश में सार्वजानिक अवकाश होता है। उसके साथ साथ देश के कई राज्यों में जैसे की उत्तरप्रदेश के वाराणसी में खेल, शिक्षाविदों और सांस्कृतिक गतिविधियों जैसे कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है। उत्तरप्रदेश राज्य के बाबा महाश्मशान नाथ मंदिर में यह उत्सव करीब तीन दिनों तक मनाया जाता है।
Ambedkar Jayanti 2023 से सम्बंधित कुछ प्रश्न व उनके उत्तर
Ambedkar Jayanti 2023 14 अप्रैल को मनाई जायेगी।
भारत का संविधान डॉ भीमराव अंबेडकर जी के द्वारा लिखा गया था।
जनार्दन सदाशिव रणपिसे एक सामाजिक कार्यकर्त्ता थे एवं यह भी अंबेडकर जी के अनुयायी थे। इन्ही के द्वारा Ambedkar Jayanti मानाने की शुरुआत की गयी थी। इन्होने सर्वप्रथम 14 अप्रैल, 1928 को पुणे में भीमराव अंबेडकर जयंती मनाने की शुरुआत की थी
डॉ भीमराव अंबेडकर जी का जन्म 14 अप्रैल 1891 में हुआ था