आचार संहिता क्या होती है ? Code of Conduct in Hindi

भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव चुनाव होते है जिसके माध्यम से नागरिकों को जनप्रतिनिधियों के चुनाव का मौका मिलता है। वास्तव में देखा जाए तो चुनाव ही लोकतंत्र की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता होते है। चुनावो के दौरान प्रायः आदर्श आचार संहिता (Code of Conduct) का उल्लेख किया जाता है ऐसे में अकसर मतदाता इस शब्द से परिचित नहीं होते की आदर्श आचार संहिता क्या होती है ? चुनावो की निष्पक्षता हेतु आदर्श आचार संहिता एक महत्वपूर्ण हथियार है जिसके माध्यम से लोकतंत्र को मजबूती मिलती है। आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको आदर्श आचार संहिता (Code of Conduct) क्या होती है सम्बंधित सभी प्रमुख बिन्दुओ के बारे में जानकारी प्रदान करने वाले है। इस आर्टिकल के माध्यम से आपको आदर्श आचार संहिता के प्रावधान, उद्देश्य एवं लक्ष्यों के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान की जाएगी। साथ ही यहाँ आप आदर्श आचार संहिता से सम्बंधित अन्य महत्वपूर्ण एवं उपयोगी बिंदुओं से भी परिचित हो सकेंगे।

यह भी पढ़िए :- भारत में चुनाव की प्रक्रिया व उसके प्रकार की जानकारी

आचार संहिता क्या होती है ?
आदर्श आचार संहिता (Code of Conduct)

Article Contents

यहाँ भी देखें -->> क्विज खेलकर इनाम कमाएं

आदर्श आचार संहिता क्या होती है ?

लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत चुनावी प्रक्रिया होती है। चुनावी प्रक्रिया के माध्यम से ही नागरिको को अपने मत का प्रयोग करने का अधिकार मिलता है एवं वे अपने पसंद के प्रतिनिधि का चुनाव कर सकते है। आदर्श आचार संहिता (Code of Conduct) जिसे की आमतौर पर आचार संहिता भी कहा जाता है वह नियम-कानून एवं दिशा-निर्देश होते है जिसके अंतर्गत चुनाव प्रक्रिया सम्पन करवाई जाती है।

जिस प्रकार सामाजिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए कुछ नियम-कानून बनाए जाते है जिसका पालन सभी नागरिको को करना आवश्यक होता है उसी प्रकार से देश में निष्पक्ष चुनावों को सम्पन कराने के लिए भारतीय निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) द्वारा तय किए गए नियम-कानून एवं दिशा-निर्देशों को आदर्श आचार संहिता (Code of Conduct) कहा जाता है। चुनावो के दौरान सभी दलों को आदर्श आचार संहिता का पालन करना आवश्यक होता है।

आदर्श आचार संहिता कब लागू की जाती है ?

आदर्श आचार संहिता को किसी भी क्षेत्र में चुनावों की घोषणा जारी होने के समय ही लागू कर दिया जाता है। इसका अर्थ है की जिस तिथि को किसी राज्य में चुनावों की घोषणा की जाती है उसी समय से राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो जाती है। आदर्श आचार संहिता के दौरान प्रदेश की सरकारी मशीनरी चुनाव आयोग के नियंत्रण में आ जाती है एवं चुनाव आयोग के कर्मचारियों की भाँति कार्य करने लगती है।

आदर्श आचार संहिता का उद्देश्य

आदर्श आचार संहिता का मुख्य उद्देश्य देश में चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी एवं निष्पक्ष तरीके से सम्पन करवाना है। आदर्श आचार संहिता के तहत चुनाव आयोग द्वारा तय किए गए दिशा-निर्देश सभी दलों पर समान रूप से लागू होते है जिससे की चुनाव के दौरान सभी उम्मीदवारों को समान रूप से भाग लेने का मौका मिले। चुनावो के दौरान सभी दलों एवं उम्मीदवारों को चुनाव प्रक्रिया में समान रूप से भाग लेने का मौका देने में भी आदर्श आचार संहिता की महत्वपूर्ण भूमिका है।

आदर्श आचार संहिता (Code of Conduct), क्यों है आवश्यक

भारत के चुनाव विश्व के सबसे महत्वपूर्ण चुनावो में गिने जाते है। इसका कारण भारत का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश होना एवं देश के प्रत्येक मतदाता के मतदान को सुनिश्चित करना है। हालाँकि चुनावो के दौरान सांप्रदायिक आधार पर वोट माँगना, विभिन समुदायों एवं जातियों में बीच वैमनस्य पैदा करना, सरकारी मशीनरी का दुरपयोग, शराब-धन एवं अन्य अनुचित साधनों के प्रयोग से मतदाताओं को आकर्षित करना, फर्जी वोटिंग एवं बूथ लूटने जैसी घटनाओं की खबरे देश एक विभिन भागो से आती रहती है। लोकतंत्र में चुनाव की पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिए इस प्रकार की घटनाओ पर अंकुश लगाने के लिए हेतु आदर्श आचार संहिता का निर्माण किया गया है। चुनावो के दौरान सभी कैंडिडेट एवं राजनैतिक दलों को इन नियमो का पालन करना आवश्यक है।

आचार संहिता के प्रमुख नियम, कानून एवं प्रावधान (Code of Conduct Rules)

  • आदर्श आचार संहिता के अंतर्गत सरकारी मशीनरी चुनाव आयोग के कर्मचारियों के रूप में कार्य करने लगती है जिससे की वर्तमान सरकार चुनावी लाभ के लिए इसका दुरपयोग ना कर सके।
  • आचार संहिता के दौरान किसी प्रकार की नयी योजना या परियोजना की घोषणा, शिलान्यास एवं लोकार्पण कार्यक्रम नहीं किए जा सकते जिससे मतदाता को प्रभावित किया जा सके।
  • सत्ताधारी दल द्वारा आचार संहिता के लागू होने के पश्चात सरकारी गाड़ी, सरकारी बंगले एवं सरकारी विमान का प्रयोग चुनावी रैलियों में नहीं किया जा सकता।
  • इसके अंतर्गत सभी उम्मीदवारों एवं राजनीतिक दलों को सार्वजनिक स्थलों, मैदानों, हैलीपैड के उपयोग हेतु बराबरी का अधिकार प्रदान किया जाता है जिससे किसी पार्टी विशेष या सत्ताधारी दल को लाभ ना मिले।
  • चुनावो के दौरान राजनैतिक दलों एवं उम्मीदवारों को धर्म, जाति एवं मजहब के नाम पर वोट माँगने को निषिद्ध किया गया है।
  • चुनावो के दौरान मतदाताओं को आकर्षित करने हेतु धन का वितरण, शराब एवं अन्य प्रकार की आकर्षक वस्तुओ के वितरण को आचार संहिता के अंतर्गत निषिद्ध किया गया है।
  • राजनैतिक रैली निकालने, लाउडस्पीकर का प्रयोग एवं चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित अन्य कार्यो हेतु सभी राजनीतिक दलों एवं उम्मीदवारों को पुलिस से पूर्व में अनुमति प्राप्त करना आवश्यक है।
  • चुनावो के दौरान किसी भी उम्मीदवार एवं राजनीतिक दल द्वारा किसी भी असंवैधानिक तरीको से मतदाताओं को आकर्षित नहीं किया जा सकता।
  • उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार के दौरान अपने प्रतिद्वंदियों के निजी जीवन या निजता पर किसी भी प्रकार का आपेक्ष करने से निषिद्ध किया गया है।
  • किसी भी क्षेत्र विशेष में चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता (Code of Conduct) के पालन पर निगरानी रखने के लिए चुनाव आयोग द्वारा चुनाव आयोग पर्यवेक्षक (Observer) नियुक्त किया जाता है जिसके द्वारा चुनाव आचार संहिता के दौरान राजनैतिक दलों के क्रियाकलापो एवं आचरण पर नजर रखी जाती है।

चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित आदर्श आचार संहिता का पालन सभी राजनीतिक दलों एवं उम्मीदवारों के लिए आवश्यक होता है। यदि किसी उम्मीदवार एवं राजनीतिक दल द्वारा आदर्श आचार संहिता के नियमो का पालन नहीं किया जाता है तो ऐसी स्थिति में चुनाव आयोग द्वारा सम्बंधित उम्मीदवार या राजनीतिक दल पर आवश्यक कार्यवाही की जा सकती है।

आचार संहिता में सुधार की आवश्यकता

आचार संहिता के माध्यम से देश में चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता एवं निष्पक्षता में वृद्धि हुयी है। आचार संहिता लागू होने के पश्चात उम्मीदवारों एवं राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव में होने वाली विभिन प्रकार की अवैध गतिविधियों एवं असंवैधानिक कार्यो में कमी देखने को मिली है। हालाँकि वर्तमान समय में भी विभिन आपराधिक प्रवृति वाले कैंडिडेट चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों का खुलकर उल्लंघन करते है एवं धर्म-जाति के नाम पर वोट माँगना, शराब एवं धन वितरित करके मतदाताओं को लुभाने जैसी अवैध गतिविधियों को अंजाम देते रहते है। ऐसे में यह आवश्यक है की चुनाव आयोग द्वारा आदर्श आचार संहिता (Code of Conduct) के दिशा-निर्देशों का पुनः परिक्षण करके इन्हे और भी प्रभावशाली एवं कारगर बनाया जाए।

आदर्श आचार संहिता (Code of Conduct) सम्बंधित अकसर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

आदर्श आचार संहिता (Code of Conduct) क्या है ?

आदर्श आचार संहिता (Code of Conduct) भारतीय चुनाव आयोग द्वारा तय किए गए नियम एवं दिशा-निर्देशों का वह समूह होता है जिसको चुनावी प्रक्रिया के दौरान सभी राजनैतिक दलों एवं उम्मीदवारों के द्वारा पालन किया जाना आवश्यक होता है।

आदर्श आचार संहिता किसके द्वारा लागू की जाती है ?

आदर्श आचार संहिता भारतीय निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) द्वारा लागू की जाती है।

आचार संहिता के प्रमुख नियम, कानून एवं प्रावधान क्या है ?

आचार संहिता के प्रमुख नियम, कानून एवं प्रावधान सम्बंधित जानकारी के लिए ऊपर दिया आर्टिकल चेक करें। यहाँ आपको Code of Conduct Rules सम्बंधित सभी प्रकार की जानकारियाँ प्रदान की गयी है।

आदर्श आचार संहिता का उद्देश्य क्या है ?

आदर्श आचार संहिता का उद्देश्य देश में चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शिता एवं निष्पक्षता से सम्पन करवाना एवं सभी राजनैतिक दलों एवं उम्मीदवारों को चुनावो में भागीदारी हेतु समानता का मौका देना है।

क्या आदर्श आचार संहिता अपने उद्देश्य में सफल हुयी है ?

हाँ। आदर्श आचार संहिता एक हद तक अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने में सफल हुयी है परन्तु अभी भी इस दिशा में बहुत अधिक कार्य करने की आवश्यकता है।

Leave a Comment

Join Telegram